यमन में चल रहे संघर्ष को लेकर एक बार फिर स्थिति गंभीर हो गई है. इजरायल ने ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर भारी हवाई हमले किए हैं. इन हमलों से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है. इजरायली सेना ने यह कदम तब उठाया जब हूती विद्रोहियों ने कथित रूप से इजरायल के खिलाफ उकसाने वाले कदम उठाए. हूतियों पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वे ईरान के इशारे पर पश्चिम एशिया में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. इजरायल ने इन हमलों को अपने देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बताया है.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन हवाई हमलों में हूती विद्रोहियों के कई ठिकाने तबाह हो गए. इनमें हथियार गोदाम, प्रशिक्षण शिविर और कमांड सेंटर शामिल हैं. हूती विद्रोहियों की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
BREAKING: Massive Israeli strikes against Iran-backed Houthis in Yemen
— The Spectator Index (@spectatorindex) December 19, 2024
हूती विद्रोहियों की उत्पत्ति और इतिहास
हूती विद्रोही, जिन्हें अंसार अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है, यमन के उत्तरी हिस्से में सक्रिय एक शिया जायदि समुदाय से जुड़े आंदोलन हैं. इनकी स्थापना 1990 के दशक में हुसैन बद्रद्दीन अल-हूती ने की थी. शुरुआत में यह समूह यमन में सामाजिक और धार्मिक सुधार के लिए काम करता था. लेकिन 2004 में हुसैन अल-हूती की हत्या के बाद यह एक सशस्त्र विद्रोही संगठन बन गया.
सामरिक उद्देश्य
हूती विद्रोही यमन में भ्रष्टाचार, बाहरी हस्तक्षेप, और सऊदी अरब की नीतियों के खिलाफ लड़ रहे हैं. उनका दावा है कि वे यमन के शिया अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना चाहते हैं. 2014 में, उन्होंने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी की सरकार को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया.
ईरान से संबंध
हूती विद्रोही ईरान समर्थित माने जाते हैं और उन्हें हथियारों और आर्थिक मदद का आरोप झेलना पड़ता है. ईरान के समर्थन ने यमन के संघर्ष को एक क्षेत्रीय युद्ध का रूप दे दिया है, जिसमें सऊदी अरब के नेतृत्व वाला गठबंधन हूतियों के खिलाफ सक्रिय है.
सऊदी अरब और यमन संघर्ष
2015 से, सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान छेड़ा हुआ है. इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान गई है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. यह संघर्ष यमन को एक गंभीर मानवीय संकट में बदल चुका है.
वैश्विक दृष्टिकोण
हूती विद्रोही यमन के गृहयुद्ध का एक प्रमुख पक्ष हैं, जो ईरान और सऊदी अरब के बीच शक्ति संतुलन की लड़ाई का प्रतीक बन गया है. संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन इस संघर्ष को सुलझाने के लिए शांति वार्ता का प्रयास कर रहे हैं.
आरोप और विवाद
हूती विद्रोहियों पर आरोप है कि वे नागरिक इलाकों पर हमले करते हैं और युद्ध अपराधों में शामिल हैं. दूसरी ओर, वे सऊदी गठबंधन पर भी भारी हवाई हमलों और मानवीय संकट को बढ़ाने का आरोप लगाते हैं.