30 अमेरिकी फाइटर जेट्स रवाना, ट्रंप की धमकी और खामेनेई का पलटवार, महायुद्ध का काउंटडाउन शुरू

ईरान और इजरायल के बीच चल रही दुश्मनी अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुँच चुकी है. दोनों देशों के बीच छिड़ी भीषण जंग छठे दिन में दाखिल हो गई है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर अपनी सबसे घातक हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया है, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं, इजरायल भी चुप नहीं बैठा है और तेहरान पर लगातार जवाबी हमले कर रहा है. इस तनाव के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है, जिससे इस क्षेत्रीय संघर्ष के एक बड़े युद्ध में बदलने की आशंका बढ़ गई है.

ईरान का हाइपरसोनिक हमला और इजरायल में तबाही

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने एक बयान जारी कर दुनिया को चौंका दिया. उन्होंने दावा किया कि "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-3" के तहत इजरायल पर फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया गया है.

क्या होती हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें. ये वो मिसाइलें हैं जो आवाज की रफ्तार से पांच गुना (मैक 5) या उससे भी ज्यादा तेजी से उड़ती हैं. इनकी तेज रफ्तार और हवा में रास्ता बदलने की क्षमता के कारण इन्हें किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम या रडार के लिए रोकना लगभग नामुमकिन होता है.

ईरान के इस दावे के बाद इजरायल में अफरा-तफरी मच गई. इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, एक घंटे से भी कम समय में ईरान ने लगभग 30 मिसाइलें दागीं. तेल अवीव समेत मध्य और दक्षिणी इजरायल के कई इलाकों में हमले के सायरन गूंजने लगे. मिसाइलों के गिरने से कई जगहों पर आग लग गई. हमलों से कुछ मिनट पहले ही इजरायली सेना ने लोगों को अलर्ट जारी कर सुरक्षित बंकरों में जाने का निर्देश दिया था.

इजरायल का पलटवार: तेहरान भी निशाने पर

ईरान के हमलों का इजरायल पूरी ताकत से जवाब दे रहा है. इजरायली वायु सेना ने ईरान की राजधानी तेहरान के कई इलाकों को निशाना बनाया है. इजरायली सेना (IDF) ने तेहरान के डिस्ट्रिक्ट 18 के लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी, क्योंकि वे वहां ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमला करने वाले थे. इसके तुरंत बाद तेहरान में बड़े हमलों की खबर आई.

ईरानी मीडिया के अनुसार, तेहरान के पास खोजिर मिसाइल प्रोडक्शन सेंटर और करज शहर में भी जोरदार धमाके सुने गए. इन हमलों के कारण राजधानी तेहरान के एक बड़े हिस्से में इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई हैं.

ट्रंप की एंट्री और खामेनेई का पलटवार

इस जंग के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने तनाव को और बढ़ा दिया है. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बड़े अक्षरों में लिखा- UNCONDITIONAL SURRENDER (बिना शर्त आत्मसमर्पण करो).

उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को सीधे तौर पर धमकी देते हुए कहा, "हमें पता है कि तथाकथित सुप्रीम लीडर कहाँ छिपा है. वह एक आसान टारगेट है, लेकिन हम उसे अभी नहीं मारेंगे. हमारा धैर्य जवाब दे रहा है."

ट्रंप की धमकियों से बेपरवाह खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इसका करारा जवाब दिया. उन्होंने लिखा, "The battle begins" (लड़ाई तो अब शुरू हुई है). एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, "हमें आतंकवादी ज़ायोनी शासन को कड़ा जवाब देना चाहिए. हम यहूदियों पर कोई रहम नहीं दिखाएंगे."

एक तरफ खामेनेई ये पोस्ट कर रहे थे, तो दूसरी तरफ ईरानी सेना इजरायल पर मिसाइलें दाग रही थी.

क्या अमेरिका भी जंग में कूदेगा.

इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि अमेरिका भी इस जंग में शामिल होने की तैयारी कर रहा है.

  • सैन्य विमानों की तैनाती: पिछले तीन दिनों में 30 से ज्यादा अमेरिकी सैन्य टैंकर विमानों को यूरोप भेजा गया है. इन विमानों का काम लड़ाकू विमानों और बमवर्षकों को हवा में ईंधन भरना होता है.
  • विमानवाहक पोत: अमेरिका ने अपने सबसे ताकतवर विमानवाहक पोत USS निमित्ज को मध्य पूर्व की ओर भेज दिया है. यह पोत अपने साथ दर्जनों लड़ाकू विमान ले जाता है.
  • सैनिक हाई अलर्ट पर: मध्य पूर्व में तैनात अमेरिका के 40,000 से ज्यादा सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, अगर अमेरिका इस जंग में इजरायल का साथ देता है, तो ईरान ने मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला करने के लिए मिसाइलें तैयार कर रखी हैं. ईरान ने यह भी धमकी दी है कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद कर सकता है, जो दुनिया में तेल सप्लाई का सबसे अहम समुद्री रास्ता है.

कुल मिलाकर, ईरान और इजरायल के बीच की यह जंग अब सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रह गई है. अमेरिका की संभावित एंट्री और ईरान की जवाबी धमकियों ने इसे एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां एक छोटी सी गलती भी पूरी दुनिया को एक बड़े संकट में डाल सकती है.