प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में भाग लेने के लिए जापान के ओसाका (Osaka) पहुंच गए हैं. भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ओसाका के स्विसोटेल नानकाई होटल (Swissotel Nankai Hotel) में पीएम मोदी का स्वागत किया. इस दौरान वहां मोदी मोदी के नारे लगे. पीएम मोदी आज जापान (Japan) के प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) से भी मुलाकात करेंगे. जी-20 सम्मेलन इस बार ओसाका में 27 से 29 जून के बीच आयोजित किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने कहा कि अगले तीन दिनों तक पीएम मोदी वैश्विक मंच पर भारत के विचारों को स्पष्ट करने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें करेंगे.
पीएम मोदी शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे. पीएम मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांस, जापान, इंडोनेशिया, अमेरिका और तुर्की सहित 10 द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. इसके अलावा ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRICS) और रूस-भारत-चीन (RIC) के नेताओं के साथ भी एक बैठक होगी. जी-20 समिट के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण, डिजिटलाइजेशन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर खास जोर रहेगा. पीएम मोदी छठी बार इस शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं. जी-20 सम्मेलन के लिए केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु प्रधानमंत्री के शेरपा बने हैं. यह भी पढ़ें- G20 Summit: देश की भलाई के लिए पीएम मोदी करेंगे 10 द्विपक्षीय बैठकें, BRICS और RIC के नेताओं के साथ भी होगी एक मीटिंग
Prime Minister Narendra Modi arrives in Osaka, Japan. He will be attending the G20 summit here. pic.twitter.com/cdQgVarBz5
— ANI (@ANI) June 26, 2019
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Japan: Members of the Indian community welcome Prime Minister Narendra Modi as he arrives at Swissotel Nankai hotel in Osaka pic.twitter.com/vOEGwk96rk
— ANI (@ANI) June 26, 2019
इससे पहले सुरेश प्रभु ने कहा था कि जी-20 सम्मेलन के दौरान आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक भगोड़ा अपराध संबंधी मामले, बहुपक्षवाद और वैश्विक स्थिरता आदि भारत के लिए प्रमुख मुद्दे होंगे. ज्ञात हो कि जी-20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है. 19 देश अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका हैं.