Pakistan Political Crisis 2025: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के संस्थापक इमरान खान को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाजें उठने लगी हैं. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत रहे रिचर्ड ग्रेनेल ने एक बार फिर इमरान खान की गिरफ्तारी को "राजनीतिक साजिश" बताया है और उनकी रिहाई की मांग की है. ग्रेनेल ने कैलिफोर्निया में इमरान खान के बेटों सुलेमान ईसा और कासिम खान से मुलाकात की.
उन्होंने इस मुलाकात की तस्वीर X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, 'मेरे दोस्तों, कैलिफोर्निया में आपका स्वागत है. आज आपके साथ समय बिताकर मुझे बहुत अच्छा लगा. सुलेमान और कासिम आपको मजबूत बने रहना होगा. दुनिया भर में लाखों लोग राजनीतिक मुकदमों से परेशान हैं. आप अकेले नहीं हैं.'
ट्रंप के सहयोगी ने अमेरिका में इमरान खान के बेटों से मुलाकात की
Welcome to California, my friends.
I loved hanging out with you today.
Sulaiman and @Kasim_Khan_1999, you must stay strong.
There are millions of people around the world who are sick of political prosecutions.
You are not alone. #freeimrankhan pic.twitter.com/TOAOjrEiM1
— Richard Grenell (@RichardGrenell) July 22, 2025
इमरान खान डोनाल्ड ट्रंप जैसे हैं: ग्रेनेल
इस बयान के बाद एक बार फिर इमरान खान की गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गई है. ग्रेनेल ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के समय अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहतर थे क्योंकि इमरान खान जैसे "आउटसाइडर" नेता के साथ अमेरिका का तालमेल अच्छा था. उन्होंने इमरान खान की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से करते हुए कहा कि जैसे ट्रंप को अमेरिका में झूठे केसों में फंसाया गया, वैसे ही पाकिस्तान में इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए जेल में डाला गया है.
2023 से रावलपिंडी जेल में बंद हैं इमरान
गौरतलब है कि इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं. पीटीआई लगातार दावा कर रही है कि इमरान खान को एक "डेथ सेल" में रखा गया है जहां न तो उन्हें किताबें मिलती हैं, न टीवी और न ही अखबार पढ़ने की इजाजत. उनकी पार्टी का कहना है कि एक पूर्व प्रधानमंत्री के साथ आम कैदी जैसा नहीं, बल्कि उससे भी बुरा व्यवहार किया जा रहा है.
'पाकिस्तान में मानवाधिकार संकट चरम पर'
पीटीआई के केंद्रीय सूचना सचिव शेख वकास अकरम ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि खान को कानूनी अधिकारों से भी वंचित किया गया है और उनकी हालत को लेकर पूरी कौम चिंतित है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर यही हालात रहे तो पाकिस्तान एक संवैधानिक और मानवाधिकार संकट की ओर बढ़ सकता है.
पाकिस्तान की राजनीति में कोई बदलाव आएगा?
अब जब अमेरिका जैसे देश के बड़े राजनयिक खुलकर इमरान खान के समर्थन में बोल रहे हैं, तो सवाल उठता है — क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव से पाकिस्तान की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव आएगा? या फिर इमरान खान को अब भी राजनीतिक साजिशों का सामना करते रहना पड़ेगा?












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