India’s Top Batter by % of Runs in Wins: भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम(India National Cricket Team) में कुछ ऐसे बल्लेबाज रहे हैं, जिन्होंने सिर्फ व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स के लिए नहीं, बल्कि टीम की जीत में सबसे ज्यादा योगदान दिया है. क्रिकेट के विश्लेषण में जब हम ये देखते हैं कि किस खिलाड़ी ने अपने करियर के कितने प्रतिशत रन टीम की जीत में बनाए, तो यहां कुछ बड़े नाम चौंकाने वाले आंकड़ों के साथ सामने आते हैं. इन सभी भारतीय बल्लेबाजों ने केवल रनों का अंबार ही नहीं लगाया, बल्कि हर जीत में टीम के असली हीरो साबित हुए हैं. उनकी पारियों ने भारत को अलग-अलग युगों में जीत का स्वाद चखाया और लाखों फैंस के लिए गर्व के पल दिए हैं. यही क्रिकेट की असल भावना है. टीम के लिए खेलना और देश को जीत दिलाना. आइए, इन हर बल्लेबाज के योगदान को विस्तार से जानते हैं. रोहित शर्मा और MS धोनी समेत इन भारतीय कप्तानों के सिर चढ़ा है एशिया कप का ताज! क्या इस बार चमकेगी टीम इंडिया की सेना? यहां देखें पूरी लिस्ट
रोहित शर्मा (72.34%): रोहित शर्मा वर्तमान भारतीय टीम के कप्तान और लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं. इन्होंने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 19,700 रन बनाए हैं. इसमें से 14,251 रन भारत के जीतने वाले मैचों में आए हैं. ये उनके करियर रन का 72.34% हिस्सा है. रोहित शर्मा अक्सर बड़े मैचों के खिलाड़ी माने जाते हैं. चाहे सफेद गेंद की क्रिकेट हो या टेस्ट, उन्होंने कई अहम मौकों पर टीम इंडिया को जीत दिलाई है. उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और शांत कप्तानी टोली को कई बार जीत के दरवाजे तक लेकर आई है.
विराट कोहली (65.40%): विराट कोहली को देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में गिना जाता है. इनके कुल 27,599 अंतरराष्ट्रीय रन में से 18,049 रन यानी 65.40% टीम इंडिया की जीतों में आए. कोहली की सबसे बड़ी बात यह है कि वह मुश्किल समय में बेहतर बल्लेबाजी करते हैं. उनका चेजिंग रिकॉर्ड विश्व में बेमिसाल है. विराट ने ICC टूर्नामेंट्स, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ कई यादगार पारियां खेली हैं, जिससे भारत को ऐतिहासिक जीत मिली.
शिखर धवन (65.14%): शिखर धवन, जिन्हें 'Mr ICC' भी कहा जाता है, वो ICC टूर्नामेंट्स में भारत के लिए सबसे बड़े मंच पर चमके हैं. उनके 10,867 में से 7,079 रन यानी 65.14% जीत के मुकाबलों में आए. धवन की जोड़ी रोहित शर्मा के साथ वनडे और टी20 क्रिकेट में हमेशा टीम को मज़बूत शुरुआत दिलाती रही है. उनकी फ्लो में खेलने वाली पारियां महत्वपूर्ण मौकों पर भारत को फायदा पहुंचाती हैं, और बड़े टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन भारत की सफलता के लिए अहम रहा है.
युवराज सिंह (64.83%): युवराज सिंह का योगदान भारत के लिए हरफनमौला रहा है. 11,686 कुल रन में से 7,576 रन यानी 64.83% जीत के मैचों में बने. 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी, 2007 टी20 वर्ल्ड कप (6 गेंदों में 6 छक्के), 2011 विश्व कप फाइनलयुवराज हर बड़े पल के नायक बने हैं. उनका फिनिशर के तौर पर रोल, मुश्किल ओवरों में तेज रन बनाना और आलराउंड योगदान टीम को बड़ा आत्मविश्वास देता रहा है.
गौतम गंभीर (60.06%): गौतम गंभीर ने भारत के लिए 10,324 रन बनाए, जिसमें से 6,201 रन जीत यानी 60.06% के मैचों में बने. गंभीर भी बड़े मैचों के खिलाड़ी माने जाते हैं. 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में उनकी भूमिका निर्णायक रही है. उनकी स्थिरता और दबाव में शांत बल्लेबाजी टीम इंडिया के लिए अमूल्य रही.
वीरेंद्र सहवाग (55.48%): वीरेंद्र सहवाग ने 16,892 रन बनाए, जिसमें से 9,372 रन यानी 55.48% भारत की जीत में आए. सहवाग ने अपनी आक्रामक बैटिंग से टेस्ट और वनडे क्रिकेट दोनों में विपक्षी गेंदबाजों को चौंकाया है. उन्होंने कई पारीओं में भारत को तेज शुरुआत दिलाई, जिससे जीत आसान हो गई. उनका दोहरे शतक, त्रिशतक, और दबाव में खेलना भारत को कई जीत दिलाई.
महेंद्र सिंह धोनी (53.50%): कैप्टन कूल एमएस धोनी ने 17,092 रन बनाए, जिसमें से 9,145 रन यानि 53.50% जीत के मैचों में आए. धोनी ने भारत को कई मजबूत फिनिश दिए हैं, इनमें 2011 विश्व कप का फाइनल छक्का, मैट्योर चेजिंग, और टीम को बढ़िया नेतृत्व शामिल है. वह बड़े मैचों के फिनिशर के रूप में सलामी बल्लेबाजों का सपना सच करते हैं.
सचिन तेंदुलकर (49.81%): सचिन तेंदुलकर ने 34,357 रन बनाए, जिसमें से 17,113 रन यानी 49.81% जीत के मैचों में आए. सचिन की निरंतरता, रिकॉर्ड्स और सेल्फलेस एटीट्यूड ने उन्हें विश्व क्रिकेट का महानतम बना दिया. उनकी शतकवीरियां लगभग हर पिच पर भारत को जीत के करीब ले गईं. उन्होंने युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया.
सौरव गांगुली (49.38%): सौरव गांगुली ने 18,433 रन बनाए, जिसमें से 9,102 रन यानी 49.38% भारत की जीत में बने. गांगुली, टीम के लिए दिशा देने वाले लीडर रहे हैं। उनकी जुझारू बल्लेबाजी, विदेशी सरजमीं पर भारत की जीत और टीम इंडिया का मिडिल ऑर्डर मजबूत किया.
राहुल द्रविड़ (45.13%): राहुल द्रविड़ ने 24,064 रन बनाए, जिसमें से 10,860 रन यानी 45.13% जीत के मैचों में आए. द्रविड़ का डिफेंस और उनकी एकाग्रता भारत को टेस्ट और वनडे दोनों में स्थिरता देती रही है. विषम परिस्थितियों में उनकी जो 'ग्रिट' रही, वो भारत को जीत तक गई है, चाहे पाकिस्तान, इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया हो.













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