Stroke Treatment: देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली ने इतिहास रचते हुए स्ट्रोक के इलाज के लिए स्वदेशी उपकरण ‘सुपरनोवा स्टंट’ का पहली बार सफल क्लिनिकल ट्रायल किया है. इस सफल परिक्षण के बाद स्ट्रोक के मरीजों का किफायती दर में अच्छे से इलाज हो सकेगा. यह भी पढ़े: Bhopal AIIMS: शख्स की आंख से निकाला 1 इंच बड़ा परजीवी कीड़ा! एम्स के डॉक्टरों ने किया मरीज का सफल इलाज, कई दिनों से था परेशान
एम्स डॉक्टरों का बयान
AIIMS के डॉक्टरों ने बताया कि इस उपकरण को भारतीय मरीजों और देश की स्वास्थ्य परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. भारत में लोग पश्चिमी देशों की तुलना में कम उम्र में ही स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं, इसलिए इसे विशेष रूप से भारतीय रोगियों के लिए विकसित किया गया है.
भारत में ही होगा निर्माण
AIIMS ने कहा कि सुपरनोवा स्टंट का निर्माण अब पूरी तरह भारत में किया जाएगा. इससे प्रतिवर्ष स्ट्रोक का शिकार होने वाले 17 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा. देश में बनने से इसकी लागत भी कम होगी, जिससे यह अधिक मरीजों के लिए सुलभ हो जाएगा। एम्स दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. शैलेश बी. गायकवाड़ ने इसे भारत में स्ट्रोक उपचार के लिए एक “टर्निंग प्वाइंट” बताया है.
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपलब्धि केवल चिकित्सीय सफलता नहीं है, बल्कि भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह पहली बार है जब किसी स्ट्रोक डिवाइस को पूरी तरह घरेलू क्लिनिकल ट्रायल के आधार पर मंजूरी मिली है.
देशव्यापी ट्रायल
इस ट्रायल में AIIMS दिल्ली के अलावा देश के आठ प्रमुख केंद्र शामिल थे. इसमें हैदराबाद के दो, कोलकाता और अहमदाबाद के एक-एक अस्पताल ने भी भाग लिया.विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल से भारत को उन्नत न्यूरो-इंटरवेंशनल उपचारों में वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया जा सकेगा.













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