Swarved Mahamandir: वाराणसी का एक ऐसा महामंदिर चर्चाओं में है, जिसकी भव्यता और दिव्यता सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. ये है "स्वर्वेद महामंदिर", जिसने अपनी अनूठी संरचना और आध्यात्मिक ऊर्जा से लाखों लोगों का मन मोह लिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडीटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया था. इस मंदिर को कमल के फूल की तरह तैयार किया गया है. इसकी नक्काशी बेहद खूबसूरत है.
महामंदिर के बारे में खास बातें-
स्वर्वेद महामंदिर को विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र माना जाता है, जहां एक साथ 20,000 लोग ध्यान साधना कर सकते हैं. इसमें 20,000 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं. इस महामंदिर में 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद तैयार किया गया है.
View this post on Instagram
सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर 68,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है, जो कमल के फूल की आकृति में बनाया गया है. इसकी भव्यता देखते ही आंखें चकाचौंध हो जाती हैं. मंदिर की नक्काशी में भारतीय विरासत की झलक दर्शाती जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर की संरचनाएं हैं. मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट भी हैं.
Swarved Maha Mandir, Umaraha, Varanasi❤️ pic.twitter.com/SgbgAg5myr
— The Uttar Pradesh Index (@theupindex) January 9, 2024
स्वर्वेद मंदिर का नाम स्व: और वेद से जुड़कर बना है. स्व: का एक अर्थ है आत्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान. जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं. इस मंदिर की दीवारों पर 4000 वेदों से जुड़े दोहे भी लिखे गए हैं. साथ ही मंदिर की बाहरी दीवारों पर उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि से जुड़े चित्र बनाए गए हैं जिससे लोग कुछ प्रेरणा लें सकें.
स्वर्वेद महामंदिर किसी खास संप्रदाय या धर्म का बंधन नहीं रखता है. यहां हर धर्म और पंथ के लोग आकर ध्यान साधना कर सकते हैं. इसका उद्देश्य सभी को आध्यात्मिकता के मार्ग पर प्रेरित करना है.