VIDEO पाकिस्तान में भयानक तूफान! इस्लामाबाद में ओलावृष्टि से मची तबाही, सैकड़ों वाहन क्षतिग्रस्त, बिजली आपूर्ति ठप
Islamabad hailstorm

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के कुछ हिस्सों में बुधवार दोपहर अचानक हुई भीषण ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी. इस दौरान सैकड़ों गाड़ियों के शीशे टूट गए, सोलर पैनल क्षतिग्रस्त हो गए और पेड़ की डालियां टूटकर सड़कों पर गिर गईं.

35 मिनट का प्रचंड तूफान

इस्लामाबाद में यह तूफान अचानक शुरू हुआ और करीब 35 मिनट तक चला. तेज हवाओं के साथ गिरे बड़े-बड़े ओलों ने हर चीज को अपनी चपेट में ले लिया. सबसे ज्यादा नुकसान तारनोल इलाके में हुआ, जहां कई पेड़ उखड़ गए जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई.

जलभराव और ट्रैफिक जाम 

भारी बारिश के चलते राजधानी के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया और राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर कई नेताओं और आम लोगों ने इस अप्रत्याशित मौसम का ज़िक्र किया और इसे ‘गर्मी से राहत देने वाला लेकिन विनाशकारी’ बताया.

बिजली व्यवस्था पर भी बड़ा असर

इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (IESCO) की पावर डिस्ट्रीब्यूशन प्रणाली भी इस ओलावृष्टि की चपेट में आ गई. कई इलाकों में बिजली के खंभे गिरने और तार टूटने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई.

गोलरा, पीएचए, पीर मेहर अली शाह, एफ-10 मार्काज़, नेशनल पुलिस फाउंडेशन, सर्विस रोड ईस्ट, कैरिज फैक्ट्री, पाट्रियाटा, अपर टॉपा, पीर सोहावा, मदीना कॉलोनी और एयरपोर्ट सोसाइटी समेत कई इलाकों की बिजली ठप हो गई.

इसके अलावा न्यू रेस कोर्स, अबू बकर शकरियाल, खैयाबान-ए-सिर सैयद, फैज़ाबाद, कमेटी चौक, जापान रोड, छोंटरा, 502 वर्कशॉप, सुखो, संजनानी, शाह अल्लाह दिता, मशीन मोहल्ला, गुजर खान, डोमेली और सीओडी काला भी प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं.

IESCO के प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी की ऑपरेशन और कंस्ट्रक्शन टीमों ने तुरंत बहाली का कार्य शुरू कर दिया और अधिकांश क्षेत्रों में बिजली बहाल कर दी गई. IESCO के चीफ इंजीनियर मुहम्मद नईम जान खुद बहाली कार्य की निगरानी कर रहे हैं.

एनडीएमए ने दी अत्यधिक गर्मी की चेतावनी

दूसरी ओर, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने आगामी गर्मी के मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है. अप्रैल से जून के तीन महीने के पूर्वानुमान के अनुसार, इस दौरान देशभर में सामान्य से अधिक तापमान और औसत से कम वर्षा होगी.

खास तौर पर दक्षिण पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में लू की तीव्र लहरें चलने की संभावना जताई गई है, जहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. कराची, बादिन, लरकाना, उमरकोट, थारपारकर और मटीआरी जैसे शहर सर्वाधिक प्रभावित हो सकते हैं.

सुक्कुर, शिकरपुर, डाडू, सांघड़, बहावलपुर, रहीम यार खान और लाहौर में भी भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है. वहीं, गिलगित-बाल्टिस्तान और चितराल को तापमान वृद्धि के साथ ग्लेशियरों के पिघलने से आने वाले ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOFs) की दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है.

कृषि और खाद्य सुरक्षा पर संकट

गर्मी और वर्षा की कमी के कारण देश की कृषि उपज पर बुरा असर पड़ने की संभावना है. इससे जल संकट और खाद्य असुरक्षा जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

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