अमेरिका में बुजुर्गों को ठगने वाले भारतीय को 6 साल की जेल, 16 करोड़ रुपये का लगाया चूना

न्यूयॉर्क: अमेरिका में भारतीय मूल के एक व्यक्ति, प्रणव पटेल को 6 साल से ज्यादा की जेल की सजा सुनाई गई है. उस पर आरोप था कि वह एक ऐसे गिरोह का हिस्सा था जो कॉल सेंटर के जरिए अमेरिका के बुजुर्ग नागरिकों को निशाना बनाता था और उनसे लगभग 20 लाख डॉलर (करीब 16 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी कर चुका था.

बुधवार को फ्लोरिडा की एक अदालत ने 33 साल के प्रणव पटेल को 75 महीने की जेल की सजा दी. इसके साथ ही, अदालत ने उसे धोखाधड़ी से कमाए गए 1.79 मिलियन डॉलर यानी लगभग 15 करोड़ रुपये भी जब्त करने का आदेश दिया.

कैसे करते थे धोखाधड़ी?

यह गिरोह विदेश में बैठे कॉल सेंटरों से काम करता था. गिरोह के सदस्य अमेरिका में रहने वाले बुजुर्गों को फोन करते थे और खुद को सरकारी अफसर बताते थे, जैसे कि ट्रेजरी डिपार्टमेंट (खजाना विभाग) से हों.

वे पीड़ितों को डराते थे कि आपके नाम पर "गिरफ्तारी का वारंट" निकला है और अगर आप जेल जाने से बचना चाहते हैं तो आपको तुरंत पैसे देने होंगे. कभी-कभी वे यह भी कहते थे कि आपका पैसा और सोना सुरक्षित नहीं है, इसलिए जांच के लिए उसे हमारे "अफसरों" को सौंप दें.

पटेल का क्या काम था?

प्रणव पटेल इस गिरोह के लिए "मनी म्यूल" यानी पैसा इकट्ठा करने वाले का काम करता था. जब कॉल सेंटर पर बैठे लोग किसी बुजुर्ग को फंसा लेते थे, तो पटेल उनके घर जाकर उनसे पैसे या सोना इकट्ठा करता था. वह न्यूजर्सी में रहता था, लेकिन इस काम के लिए फ्लोरिडा और अमेरिका के पूर्वी तट के कई शहरों में जाता था.

कैसे पकड़ा गया?

पुलिस इस गिरोह पर पहले से ही नजर रख रही थी. एक दिन पटेल को एक घर से सोने से भरा डिब्बा लेने के लिए भेजा गया. जैसे ही पटेल ने वह पैकेज उठाया, पहले से घात लगाए बैठी पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

इस धोखाधड़ी का शिकार हुए एक पीड़ित ने अदालत को बताया कि अपनी सारी जमा-पूंजी गंवाने के बाद वह अपने घर का लोन नहीं चुका पाया और उसे मजबूरन अपना घर बेचना पड़ा. एक जांच अधिकारी ने इस अपराध को "घिनौना" बताते हुए कहा कि इन अपराधियों ने कमजोर और मासूम बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया.