
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो दूसरे देशों के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी करने के लिए 8 जुलाई की समय सीमा (डेडलाइन) बढ़ाने को तैयार हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा करने की ज़रूरत पड़ेगी.
ट्रंप ने बताया कि अमेरिका की लगभग 15 देशों के साथ बातचीत चल रही है, जिनमें दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय संघ जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
उन्होंने कहा, "डील के मामले में हम बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं. सभी देश हमारे साथ समझौता करना चाहते हैं".
ट्रंप ने एक तरह से चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि कुछ समय बाद हम दर्जनों अन्य देशों को सीधे चिट्ठी भेजेंगे और कहेंगे, 'यह रही डील. इसे मान लो या फिर छोड़ दो'.
सरकार ने दिखाई नरमी
इससे पहले, अमेरिका के ट्रेजरी सचिव (वित्त मंत्री जैसे अधिकारी) स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि जो देश ईमानदारी से बातचीत कर रहे हैं, उनके लिए ट्रंप प्रशासन 8 जुलाई की डेडलाइन को आगे बढ़ा सकता है. यह पहली बार था जब ट्रंप प्रशासन के किसी अधिकारी ने डेडलाइन को लेकर थोड़ी नरमी दिखाई थी.
उन्होंने कहा, "जो देश ठीक से बातचीत कर रहे हैं, पूरी संभावना है कि हम उन्हें और समय देंगे. लेकिन जो बातचीत नहीं कर रहे हैं, उनके लिए ऐसा नहीं होगा".
क्यों ज़रूरी है 8 जुलाई की तारीख?
ट्रंप ने अमेरिका में आने वाले सामानों पर भारी टैरिफ (एक तरह का टैक्स) लगाने की घोषणा की थी. इस फैसले से दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में बड़ी गिरावट आ गई थी और घबराहट का माहौल बन गया था. इसके बाद, 9 अप्रैल को ट्रंप ने 90 दिनों के लिए इन टैरिफ पर रोक लगाने की घोषणा की थी, जिससे बाज़ारों ने राहत की सांस ली. यह 90 दिन की रोक 8 जुलाई को खत्म हो रही है.
बाज़ार का मज़ाक और चीन का मामला
जब भी ट्रंप प्रशासन व्यापार नीतियों पर अपना कड़ा रुख थोड़ा नरम करता है, तो शेयर बाज़ार में सुधार देखने को मिलता है. इसे लेकर वॉल स्ट्रीट (अमेरिका का शेयर बाज़ार) में एक मज़ाक भी चलता है, जिसे "TACO" ट्रेड कहते हैं. इसका मतलब है "ट्रंप हमेशा पीछे हट जाते हैं" (Trump Always Chickens Out).
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि चीन के साथ व्यापार युद्ध को लेकर चल रही बातचीत इस मामले से अलग है और उसकी समय सीमा अगस्त में है.