Aam Ki Tokri: क्लास 1 की किताब में 6 साल की बच्ची के आम बेचने को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल, कविता का बचाव करते हुए NCERT ने दी सफाई
'आम की टोकरी' कविता

एनसीईआरटी की पहली क्लास की हिंदी (Hindi) की किताब में छपी एक बच्चों की कविता (Children’s Poem) को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर विवाद छिड़ गया है. दरअसल, नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा प्रकाशित इस कविता में छह साल की बच्ची को 'छोकरी' (Chokri) बताए जाने और उसके द्वारा 'टोकरी' (Tokri) में आम बेचे जाने को लेकर बाल मजदूरी (Child Labour) को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए इसकी काफी आलोचना की जा रही है. कुछ लोग इस कविता की आलोचना बाल श्रम को बढ़ावा देने वाला बताकर कर रहे थे तो कुछ लोग 'छोकरी' शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जता रहे थे. यह भी पढ़ें- CBSE Class 10 Results: सीबीएसई ने बढ़ाई समयसीमा, स्कूल अब 30 जून तक जमा कर सकते हैं 10वीं के छात्रों के अंक.

हालांकि इस कविता को हाल फिलहाल में एनसीईआरटी की टेक्स्ट बुक में शामिल नहीं किया गया है बल्कि साल 2006 से ही यह एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक रिमझिम का हिस्सा है. 'आम की टोकरी' शीर्षक वाले इस कविता को उत्तराखंड के एक कवि रामकृष्ण शर्मा खद्दर ने लिखा है.

देखें ट्वीट-

कई सारे ट्विटर यूजर्स ने पूरी कविता को शर्मनाक बताया तो कुछ यूजर्स ने इस कविता की भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसे पूरा पढ़ना भी मुश्किल है.

बहरहाल, कविता पर विवाद बढ़ता देख एनसीईआरटी ने सफाई देते हुए एक बयान जारी किया है. एनसीईआरटी ने कहा कि बच्चों को स्थानीय शब्दावली से परिचित कराने के लिए कविता को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF), 2005 के तहत पाठ्यपुस्तक में शामिल किया गया था.

एनसीईआरटी का बयान-

एनसीईआरटी ने लोगों को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के तहत नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा रही हैं. नीति को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने पेश किया था. बताते चलें कि ट्विटर पर कुछ यूजर ऐसे भी थे, जिन्हें कविता में कुछ भी गलत नहीं नजर आ रहा था.