VIDEO: हाथों के बल उल्टे चढ़कर 34 पहाड़ों के शिखर पर पहुंचा शख्स, 50 पर्वतों की चढ़ाई कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयार

अगर आपको पहाड़ चढ़ना मुश्किल लगता है, तो जरा चीन के इस शख्स को देखिए, जो अपने हाथों के बल पर पहाड़ चढ़ने का अनोखा कारनामा कर रहा है! जी हां, 38 वर्षीय सुन गुओशान अपने अनोखे अंदाज से चीन के सबसे प्रसिद्ध पहाड़ों पर चढ़ाई कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर छा गए हैं.

हाथों के बल पर पहाड़ फतह करने का जुनून

सुन गुओशान ने मई 2023 में हैंडस्टैंड क्लाइंबिंग (हाथों के बल चढ़ाई) की प्रैक्टिस शुरू की थी, लेकिन पिछले साल उन्होंने एक बेहद अनोखा लक्ष्य तय किया – वसंत 2025 तक चीन के 50 सबसे प्रसिद्ध पहाड़ों पर अपने हाथों के बल चढ़ाई करना! कभी शिक्षा प्रणाली में काम करने वाले सुन को COVID-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य का महत्व समझ आया और उन्होंने फिटनेस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस चुनौती को अपनाया. साथ ही, वे अपने देश के सुंदर पहाड़ों का सम्मान भी अनोखे अंदाज में कर रहे हैं.

वुडांग पर्वत से लेकर तियानमेन पर्वत तक का सफर

मई 2024 में शुरू हुई उनकी इस यात्रा को तब ज़बरदस्त लोकप्रियता मिली जब नवंबर 2024 में उनका एक वीडियो वायरल हो गया. इसमें वे वुडांग पर्वत की सबसे ऊंची चोटी "हैबत" (1,612 मीटर ऊँचाई) को अपने हाथों के बल पर चढ़ते नजर आए.

सुन गुओशान कहते हैं, "हर चीनी के दिल में मार्शल आर्ट्स का सपना होता है. मैं अपने खास चढ़ाई के तरीके से देश के 50 प्रसिद्ध पहाड़ों को फतह करना चाहता हूं."

दिसंबर 2024 में उन्होंने चीन के हुनान प्रांत में स्थित झांगजियाजी के प्रसिद्ध तियानमेन पर्वत की 999 सीढ़ियां महज 5 घंटे में अपने हाथों के बल चढ़कर पार कर लीं! इस दौरान वे करीब 100 बार गिरे, लेकिन हार नहीं मानी.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का सपना

अब तक सुन गुओशान 34 पहाड़ों को अपने हाथों के बल चढ़ चुके हैं और इस वसंत में अपनी 50वीं चढ़ाई पूरी करने की योजना बना रहे हैं. इसके बाद वे इस अनोखी उपलब्धि को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का सपना रखते हैं.

प्रेरणा और सीख

सुन गुओशान की यह अनोखी यात्रा हमें सिखाती है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं. हाथों के बल पर पहाड़ चढ़ने जैसा असंभव काम भी किया जा सकता है – बस हिम्मत और धैर्य की जरूरत होती है!

तो अगली बार जब आप ट्रैकिंग करने जाएं और थकान महसूस करें, तो सुन गुओशान की इस अविश्वसनीय यात्रा को याद करिएगा!