
Vishu 2025 Messages in Hindi: इस साल विशु (Vishu) यानी केरल नववर्ष (Kerala New Year) का त्योहार 14 अप्रैल 2025 को मनाया जा रहा है. दरअसल, केरल वासियों के लिए मलयालम कैलेंडर के पहले महीने मेडम का पहला दिन बेहद खास होता है, क्योंकि इसी दिन केरल (Kerala) में विशु (Vishu) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे केरल नववर्ष (Kerala New Year) कहा जाता है. इसी दिन सूर्य देव अपनी राशि बदलकर मेडम यानी मेष राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इस दिन मेष संक्रांति (Mesh Sankranti) भी मनाई जाती है. विशु यानी केरल नववर्ष की शुरुआत के साथ ही नई फसलों की बुवाई का काम शुरु होता है, इसलिए यह पर्व किसानों के लिए भी काफी महत्व रखता है. इस दिन केरल वासी विशुकानी की एक रस्म अदा करते हैं, जिसमें सुबह उठने के बाद सबसे पहले भगवान विष्णु के दर्शन किए जाते हैं.
विशु से एक दिन पहले कनी दर्शन की सामग्रियों को इकट्ठा करके उन्हें सजाया जाता है. विशुकानी के लिए कांसे के बर्तन में चावल, कच्चा आम, नया कपड़ा, आइना, सुपानी और पान के पत्तों को सजाकर रखा जाता है. इस बर्तन के पास एक दीपक जलाया जाता है, फिर सुबह जल्दी उठने के बाद घर के बुजुर्ग परिवार के सदस्यों की आंखें बंद करके उन्हें विशुकानी तक ले जाते हैं और इसके दर्शन कराते हैं.
विशु यानी केरल नववर्ष के दिन सुबह स्नानादि के बाद लोग नए कपड़े पहनते हैं और मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करते हैं. पूजन के दौरान भगवान को सद्य नामक 26 प्रकार के लजीज व्यंजनों का भोग लगाया जाता है, साथ ही पर्व की बधाई दी जाती है. ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपने प्रियजनों को केरल नववर्ष विशु की शुभकामनाएं दे सकते हैं.





विशु पर्व से जुड़ी प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके संसार को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी, इसलिए इस दिन उनकी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इससे जुड़ी एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस पर्व को सूर्यदेव की वापसी के दिन के तौर पर भी मनाया जाता है. कहा जाता है कि एक बार लंकापति रावण ने सूर्यदेव के पूर्व से निकलने पर रोक लगा दी थी, लेकिन जब भगवान राम ने रावण का संहार किया, तब से सूर्यदेव फिर से पूर्व दिशा की ओर से निकलने लगे. माना जाता है कि इस पर्व को मनाने की परंपरा तब से शुरु हुई है.