Shardiya Navratri 2023 Dates: भारत में साल में चार नवरात्रियां मनाई जाती हैं. आम श्रद्धालुओं के लिए चैत्रीय एवं आश्विन नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. चैत्र मास की नवरात्रि पूजा-अनुष्ठान तक सीमित होती है, जबकि आश्विन मास की नवरात्रि बड़ी धूमधाम एवं आस्था के साथ मनाई जाती है. आश्विन मास नवरात्रि जिसे शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं, गुजरात एवं महाराष्ट्र में नौ दिन तक गरबा दांडिया की धूम होती है, वहीं पश्चिम बंगाल, उड़ीसा एवं उत्तर भारत में दुर्गा पूजा और शेष भारत में रामलीला एवं दशहरा का आयोजन लोगों को आकर्षित करता है. Chanakya Neeti: आचार्य चाणक्य राम को मनुष्य क्यों नहीं मानते थे? जानें उनकी नीति में राम की 10 बातें.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा नौ दिनों के लिए पृथ्वी पर अवतरित होती हैं, इन नौ दिनों तक उनके नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है. मान्यता है कि देवी दुर्गा का आगमन किस सवारी पर होता है, वह पृथ्वी वासियों के लिए एक संकेत होता है. इस बार माँ दुर्गा किस पर सवार होकर आएंगी, तथा कलश-स्थापना का शुभ मुहूर्त एवं नौ दिनों तक चलने वाले इस समारोह में दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा कब होगी, यहां यही बताने की कोशिश हमने की है.
मां दुर्गा की हाथी की सवारी का क्या संकेत हो सकता है?
पितृपक्ष के बाद शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है. 15 अक्टूबर 2023, रविवार को शैलपुत्री की पूजा से शुरू होकर 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार को महागौरी की पूजा तक सम्पन्न होगी. पहले दिन कलश स्थापना के साथ देवी दुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा शुरू होगी. हिंदू मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर माँ दुर्गा के आगमन और प्रस्थान के वाहन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि हाथी की सवारी पृथ्वी पर संभावित शुभ अथवा अशुभ का संकेत भी लेकर आती हैं.
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार माँ दुर्गा जब रविवार या सोमवार को पृथ्वी पर अवतरित होती हैं, तब वे हाथी पर सवार होकर आती हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार हाथी खुशहाली एवं सम्पन्नता का प्रतीक होता है, इसका यह संकेत हो सकता है कि देश में अच्छी वर्षा होगी, जो किसानों को खुशहाल बना सकती है.
शारदीय नवरात्रि मूल तिथि:
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा प्रारंभ: 11.24 PM (14 अक्टूबर 2023, रविवार) से
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा समाप्त: 12.32 AM (15 अक्टूबर 2023, सोमवार) तक
उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि पर्व का शुभारंभ 15 अक्टूबर 2023, रविवार को होगा. इस दिन चित्रा एवं स्वाति नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जिसे शुभ कार्यों के लिए बहुत श्रेष्ठ माना जाता है.
शारदीय नवरात्रि 2023 नौ दुर्गा पूजा तिथियां (Shardiya Navratri 2023 Tithi),
- 15 अक्टूबर 2023- रविवार, मां शैलपुत्री की पूजा, प्रतिपदा तिथि
- 16 अक्टूबर 2023- सोमवार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, द्वितीया तिथि
- 17 अक्टूबर 2023- मंगलवार, मां चंद्रघंटा की पूजा, तृतीया तिथि
- 18 अक्टूबर 2023- बुधवार, मां कूष्मांडा की पूजा, चतुर्थी तिथि
- 19 अक्टूबर 2023- गुरुवार, मां स्कंदमाता की पूजा, पंचमी तिथि
- 20 अक्टूबर 2023- शुक्रवार, मां कात्यायनी की पूजा, षष्ठी तिथि
- 21 अक्टूबर 2023- शनिवार, मां कालरात्रि की पूजा, सप्तमी तिथि
- 22 अक्टूबर 2023- रविवार, मां सिद्धिदात्री की पूजा, दुर्गा अष्टमी
- 23 अक्टूबर 2023- सोमवार, मां महागौरी की पूजा, शरद नवरात्र
- 24 अक्टूबर 2023- दुर्गा विसर्जन (विजयादशमी/दशहरा),
शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना मुहूर्त (Navratri Kalash Sthapana Muhurat)
शास्त्र अनुसार शारदीय नवरात्रि के दिन कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त के अनुसार तय होता है. कलश स्थापना चित्रा नक्षत्र के दौरान सम्पन्न होता है. चित्रा नक्षत्र 04.24 PM (14 अक्टूबर 2023) से 06.13 PM (15 अक्टूबर 2023) तक रहेगा. जबकि अभिजीत मुहूर्त 11.04 AM से 11.50 AM के बीच रहेगा, इसलिए घटस्थापना पूजा भी इसी अवधि में किया जाना चाहिए.