कुत्तों का ध्यान कैसे खींचा जा सकता है, पता चल गया
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

क्या आपका कुत्ता आपकी बात नहीं मानता? मालिकों की बात पर वैज्ञानिकों ने उनके कुत्तों का ध्यान जाए, इसके लिए वैज्ञानिकों ने तरीका जान लिया है. दावा किया गया है कि यह रणनीति कुत्तों को आकर्षित करने में कारगर है.अक्सर कुत्तों के मालिक यह उम्मीद करते हैं कि उनका कुत्ता उनकी चप्पल, छड़ी, अखबार या गेंद उठा कर लाए. कुत्ते कभी यह काम बड़ी फुर्ती से करते हैं और कभी नहीं. वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के जरिए पता लगाया है कि कुत्तों का ध्यान अपनी ओर कैसे खींचा जा सकता है. इसके लिए उन्होंने कुत्तों के सिर में नजरों का पीछा करने वाले हेल्मेट पहना दिए. इसके बाद पता चला कि किसी चीज की ओर इशारा करना या फिर उसकी ओर घूर के देखना कुत्ता मालिकों के लिए अपने कुत्ते का ध्यान उस ओर खींचने का सबसे बढ़िया तरीका है.

नजर और हाथ पैरों का इशारा

मालिकों का घूरना और हाथ पैर के इशारे अलग-अलग तरीके से उपयोगी हैं. हालांकि रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक क्रिश्टोफ वोएल्टर का कहना है, "दोनों अगर साथ मिल जाएं तो मजबूती बढ़ जाती है." वोएल्टर विएना की यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरिनरी मेडिसिन से जुड़े हैं. ऑस्ट्रियाई रिसर्चरों की टीम ने 20 कुत्तों को खास तरह के हेल्मेट पहनाए. इनके जरिए यह देखा जा सकता था कि अलग अलग परिस्थितियों में कुत्तों की नजर कहां होती है. यह परीक्षण जिन कुत्तों पर किया गया, उनमें 8 मॉन्गरेल और स्टैफर्डशायर टेरी के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई शेपर्ड और पूडल भी शामिल थे.

यूनिवर्सिटी की क्लेवर डॉग लैब में किए परीक्षण में हर कुत्ते के साथ एक वैज्ञानिक भी था. घुटने पर बैठे वैज्ञानिक के दोनों तरफ एक कटोरा रखा गया था. इनमें से एक खाना छिपा कर रखा गया था. कुत्तों को पांच परिस्थितियों से छह छह बार गुजरना था. वैज्ञानिकों ने कुत्तों की ओर देखते हुए कटोरे की तरफ इशारा किया या फिर इशारा करते हुए उसी वक्त कटोरे की तरफ देखा या फिर सिर्फ कटोरे की तरफ देखा.

कुत्ता पालने का टैक्स लेकर जर्मनी कर रहा है रिकॉर्ड कमाई

वैज्ञानिकों ने वह खेल भी किया जो आमतौर पर कुत्तों के मालिक जो उनके साथ खेलते हैं, यानी कटोरे की तरफ गेंद फेंकने का नाटक करना लेकिन उसे फेंकने की बजाय अपने हाथ में ही रख लेना.

संकेत या आदेश

हेल्मेट की रिकॉर्डिंग ने दिखाया कि कुत्तों ने सबसे अच्छी तरह इशारे को तब पकड़ा जब वे खाने वाले कटोरे की तरफ देख भी रहे थे और उसी तरफ इशारा भी कर रहे थे. उनका सबसे बुरा प्रदर्शन तब रहा जब वैज्ञानिकों ने गेंद फेंकने का नाटक किया लेकिन फेंका नहीं. रिसर्चरों के लिए अपने सिद्धांत की ओर बढ़ने का बिंदु यह था कि कुत्ते, इंसान के संदर्भ से जुड़े संचार के संकेतों को पकड़ते हैं, सिर्फ संकेतों को नहीं.

दूसरे शब्दों में कहें तो कुत्ते उस जानकारी का मतलब समझ सकते हैं जो उन्हें दी जा रही है. इस मामले में यह काम कुत्ते के भोजन ने किया. इसलिए वे उसकी तरफ ही गए, बजाय इसके कि उन्हें जिधर इशारा किया गया हो उधर जाना पड़े.

हालांकि रिसर्चर जल्दबाजी में कोई नतीजा नहीं निकालना चाहते. क्या हो रहा है और इसे कुत्ते कितना समझेंगे, यह सवाल अब भी बना हुआ है. वोएल्टर ने इस बात पर जोर दे कर कहा, "क्या यह उनके लिए किसी दिशा में जाने का जोरदार निर्देश है? या फिर उन्होंने इसे संवाद के तरीकों के आधार पर ज्यादा समझा?"

कुत्ते की शरारत से घर में लगी आग

प्राकृतिक शिक्षा विज्ञान के इस क्षेत्र में अभी और रिसर्च की जरूरत है. यह क्षेत्र सामान्यतया इस बात पर रिसर्च करता है कि संचार से कैसे संकेत मिलते हैं. जैसे कि किसी चीज की तरफ इशारा करते हुए उसका नाम लेना. इसके जरिए बच्चे अपने आसपास की दुनिया में हर चीज का नाम जान जाते हैं. वोएल्टर का कहना है कि रिसर्चर यह पता लगा रहे हैं कि यह कुत्तों के लिए कैसे काम करता है. इस विषय में अगला कदम यह पता लगाना होगा कि क्या कुत्ते सीखने और चीजों को याद रखने में अच्छे होते हैं. उन्होंने कहा, "जब हम उन्हें पुकारते हैं."

एनआर/वीके (एएफपी)