Islamic New Year 2025: कब है इस्लामिक नव वर्ष? जानें कैसे निर्धारित होता है नया साल और कैसे करते हैं सेलिब्रेशन!
इस्लामी नव वर्ष 2025 (Photo Credits: File Image)

Islamic New Year 2025: इस्लामी नव वर्ष (Islamic New Year) जिसे हिजरी नव वर्ष (Hijri New Year) के रूप में भी मनाया जाता है, इस वर्ष 26 जून 2025 के दिन मनाये जाने की संभावना है, जो इस्लामी नियमों के मुताबिक इस्लामी चंद्र कैलेंडर के महीने मुहर्रम का पहला दिन होता है. यह तिथि नए चांद के अनुमानित दर्शन पर निर्धारित होता है, यानी जो नए चंद्र वर्ष की शुरुआत निर्धारित करता है. यद्यपि स्थानीय चंद्रमा के दर्शन और क्षेत्रीय प्रथाओं के आधार पर सटीक तिथि भिन्न हो सकती है. भारत में, केंद्रीय रुएट-ए-हिलाल समिति, जो चांद के दर्शन की घोषणा के लिए अधिकृत है, स्थानीय टिप्पणियों के आधार पर शुक्रवार, 27 जून, 2025 को इस्लामी नव वर्ष की घोषणा कर सकती है. यह भी पढ़ें: Bakrid Mubarak 2025 Messages: बकरीद मुबारक! इन प्यार भरे हिंदी WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Shayaris के जरिए प्रियजनों को दें पर्व की बधाई

यह धार्मिक पर्व नहीं नहीं है.

इस्लामी नव वर्ष 622 ई. में पैगंबर मुहम्मद के मक्का से मदीना तक के प्रवास (हिजरा) की याद दिलाता है. इस्लामी मान्यताओं के अनुसार इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत इसी दिन से होती है, हालांकि इस्लामी नववर्ष कोई प्रमुख धार्मिक पर्व के रूप में नहीं मनाया जाता है, लेकिन इस दिन को मुसलमान विशेष रूप से नमाज, तिलावत, और दुआएं करते हैं. कई मुस्लिम समुदाय इस दिन पारिवारिक मिलन और सामुदायिक संबंधों को मजबूत बनाने का कार्य भी करते हैं.

नव वर्ष सेलिब्रेशन

यूनाइटेड अरब अमीरात समेत कई मुस्लिम बहुल देशों में इस्लामिक नव वर्ष को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है. भारत (उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और दिल्ली) जैसे कई राज्यों में इस दिन राजपत्रित अवकाश घोषित किया गया है. इस इस्लामिक नव वर्ष पर यहां स्कूल और कार्यालय अमूमन बंद रहते हैं. इसी महीने पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को कर्बला जंग में हुई शहादत के कारण बहुत सारे मुसलमानों के लिए यह शोक और आत्मचिंतन का समय होता है.

ध्यान रहे कि इस्लामिक नव वर्ष की सटीक तारीख स्थानीय चांद के दिखने और धार्मिक अधिकारियों द्वारा की गई घोषणाओं के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है. इस्लामिक नव वर्ष सेलिब्रेशन के बारे में सबसे सटीक जानकारी के लिए स्थानीय मस्जिदों या इस्लामिक केंद्रों से परामर्श करना उचित है.