
Bakrid Mubarak 2025 Messages in Hindi: रमजान ईद (Ramzan Eid) मनाए जाने के बाद दुनिया भर के मुसलमानों को बकरीद (Bakrid) का बेसब्री से इंतजार रहता है, जिसे काफी जोश और उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जाता है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 12वें महीने धू-अल-हिज्जाह के दसवें दिन बकरीद मनाई जाती है, जिसे ईद-उल-अजहा (Eid-al-Adha), बकरा ईद (Bakra Eid) और कुर्बानी ईद (Qurbani Eid) जैसे कई नामों से जाना जाता है. बकरीद या ईद-उल-अजहा की तारीख सऊदी अरब में चांद दिखने के बाद ही तय किया जाता है. इस बार सऊदी अरब में 27 मई को जुल-हिज्जा का चांद दिखाई दिया था, जिससे यह तय हुआ कि सऊदी अरब में 6 जून 2025 और भारत में 7 जून 2025 को बकरीद मनाई जाएगी. इस पर्व को मनाने के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरु हो जाती हैं.
बकरीद के दिन इस्लाम धर्म के लोग कुर्बानी देने की परंपरा को निभाते हैं. आमतौर पर इस दिन बकरे की कुबार्नी दी जाती है और कुर्बानी के मांस को रिश्तेदारों, मित्रों, गरीबों व जरूरतमंदों के साथ बांटा जाता है. यह पर्व कुर्बानी के साथ-साथ अल्लाह के प्रति समर्पण का प्रतीक है. इस खास मौके पर आप इन प्यार भरे हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, शायरी के जरिए प्रियजनों को बकरीद की मुबारकबाद दे सकते हैं.





बकरीद की शुरुआत ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घटना से जुड़ी हुई है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार, अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की आस्था की परीक्षा लेने के लिए सपने में आकर उन्हें अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करने का आदेश दिया. हजरत इब्राहिम ने इस सपने को अल्लाह का पैगाम मानते हुए अपने प्यारे बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया. कुर्बानी के दिन जब कुर्बानी का समय आता तो हजरत इब्राहिम से समर्पण और त्याग से खुश होकर अल्लाह ने उनके बेटे की जगह कुर्बानी को बकरे में तब्दील कर दिया, तभी से अल्लाह के प्रति समर्पण के इस पर्व को मनाने की परंपरा शुरु हुई.
गौरतलब है कि बकरीद के दिन भूलकर भी किसी से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए. इस दिन घर-परिवार के बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए. किसी के बारे में गलत सोचने या फिर उनके लिए मन में किसी तरह से गलत विचार लाने से बचना चाहिए. इस दिन अल्लाह की इबादत में अपना ज्यादा समय बिताना चाहिए. इसके साथ ही जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए अल्लाह से दुआ करनी चाहिए.