Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र में क्यों बढ़ रहे हैं गुलियन बेरी सिंड्रोम के मामले; पड़ोसी राज्यों के लिए बढ़ी टेंशन?
Representational Image | Flickr

Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र, खासकर पुणे, Guillain-Barre Syndrome (GBS) के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है. अब तक राज्य में 207 संदिग्ध और पुष्ट मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 180 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 20 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. आधिकारिक रूप से मृतकों की संख्या 8 बताई जा रही है.

Guillain-Barre Syndrome से बचना है तो डाइट का रखें खास ध्यान, एक्सपर्ट ने बताया किन चीजों को खाएं और क्या करें अवॉइड.

गुलियन बेरी सिंड्रोम एक रेयर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. आमतौर पर इसके मामले नहीं देखे जाते. डॉक्टर्स के मुताबिक, इसमें पेरीफेरल नर्व्स (Peripheral Nervous System) डैमेज हो जाती हैं. यह एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. इस वजह से हाथों और पैरों में कमजोरी आने लगती है. इससे मरीज को कमजोरी, सुन्नपन और कभी-कभी लकवे की समस्या हो सकती है. इस बीमारी की शुरुआत अक्सर किसी संक्रमण के बाद होती है. ऐसे में अगर वक्त पर जांच और इलाज किया जाए, तो मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है.

मसल्स में कमजोरी, तेज हार्ट बीट, डबल विजन... Guillain Barre Syndrome से सावधान, ये लक्षण दिखते है भागें डॉक्टर के पास.

GBS को ट्रिगर करने वाले दो मुख्य प्रकार के संक्रमण हैं:

  • श्वसन संक्रमण – बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण होते हैं.
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण – पेट दर्द, डायरिया, मरोड़ और कभी-कभी खून वाली दस्त हो सकती है.

क्या GBS संक्रामक बीमारी है?

नहीं, GBS खुद एक संक्रमण नहीं है और यह इंसान-से-इंसान नहीं फैलता. यह एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया है, जो किसी संक्रमण के बाद होती है.

महाराष्ट्र में GBS का अचानक उछाल क्यों आया?

स्वास्थ्य अधिकारियों ने Campylobacter jejuni नामक बैक्टीरिया को इस GBS प्रकोप का मुख्य कारण बताया है. यह बैक्टीरिया आमतौर पर दूषित पानी और भोजन के जरिए फैलता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण का कारण बनता है.

GBS के प्रमुख कारण:

  • पुणे में RO जल संयंत्रों में दूषित जल पाया गया.
  • कई जगहों पर पानी में E. coli और Campylobacter jejuni जैसे बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई, जिससे जलजनित संक्रमण फैला.
  • पीने के पानी में क्लोरीनेशन सही से नहीं किया गया, जिससे यह बैक्टीरिया तेजी से फैला.

क्या पड़ोसी राज्यों को GBS से डरने की जरूरत है?

डॉक्टरों का कहना है कि GBS संक्रामक नहीं है, यानी यह एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता. हालांकि, अगर किसी क्षेत्र में दूषित पानी की समस्या है, तो वहां भी संक्रमण बढ़ सकता है.

महाराष्ट्र में GBS के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है, लेकिन यह कोई संक्रामक महामारी नहीं है. दूषित पानी इसका मुख्य कारण है. पड़ोसी राज्यों को वैसे तो घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन साफ पानी और स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है ताकि इस तरह की बीमारियों से बचा जा सके.