उत्तर प्रदेश सरकार का एक और सराहनीय कदम, सूबे में होगी ड्रोन निर्माण इकाइयां स्थापित, युवाओं को मिलेगा रोजगार
सीएम योगी (Photo Credits: ANI)

लखनऊ, 23 दिसम्बर : उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में ड्रोन निर्माण इकाइयां स्थापित करने की योजना तैयार की है. ड्रोन का उपयोग अब कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, कानून और व्यवस्था बनाए रखने जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आपदा राहत, कृषि, कानून व्यवस्था बनाए रखने समेत विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के महत्व को देखते हुए राज्य में ड्रोन निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए.

मुख्यमंत्री ने राज्य को अपना मैनुअल तैयार करने को भी कहा है. फिलहाल राज्य में ड्रोन उड़ाने के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस संबंध में एक नीति जारी की है. इसी के अनुरूप राज्य सरकार को भी ड्रोन नियम तैयार करने चाहिए. मैनुअल में ड्रोन उपयोगकर्ताओं को ड्रोन उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र, रखरखाव प्रमाणपत्र, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, छात्र रिमोट पायलट लाइसेंस, रिमोट पायलट इंस्ट्रक्टर प्राधिकरण, आदि जारी करने के संबंध में स्पष्ट प्रावधान होने चाहिए. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने आपदा राहत, कृषि और कानून व्यवस्था जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मानव रहित विमानों के महत्व को देखते हुए ड्रोन निर्माण इकाई का प्रस्ताव रखा है. यह भी पढ़ें : Maharashtra: महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे को धमकी देने वाला व्यक्ति बेंगलुरु से गिरफ्तार

उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ड्रोन तकनीक पर सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर भी विचार किया है, जिसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से आवश्यक मदद ली जाएगी. अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ड्रोन अपनी पहुंच, उपयोग में आसानी के कारण दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं, साथ ही ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि कई कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपनी इकाइयां स्थापित करना चाहती हैं.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अन्य निवेशकों से भी संपर्क करने को कहा और सुझाव दिया कि डिफेंस कॉरिडोर इस उद्योग के लिए एक उपयोगी क्षेत्र हो सकता है. उन्होंने आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में ड्रोन तकनीक के प्रशिक्षण के लिए डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने के भी निर्देश दिए. जरूरत पड़ने पर आईआईटी कानपुर की मदद ली जाएगी. ड्रोन का इस्तेमाल कोविड महामारी के दौरान किया गया था, खासकर डिसइंफेक्टेंट की निगरानी और छिड़काव के लिए.