नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा दांव खेलने जा रही है. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार आगामी मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का बिल संसद में पेश कर सकती है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक सरकार ने संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल लाने की तैयारी कर ली है. समान नागरिक संहिता कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है. समान नागरिक संहिता पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का बड़ा बयान- 13 जुलाई तक इंतजार करें.
संसद की एक स्थायी समिति ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों के विचार लेने के लिए विधि आयोग द्वारा हाल में जारी नोटिस पर तीन जुलाई को (विधि) आयोग और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाया है. इसके साथ ही 14 जून को विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता पर आम लोगों से सुझाव मांगने के मुद्दे पर इन तीनों विभागों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है.
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता का मतलब है देश में रहने वाले सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा. इसके तहत देश में रहने वाले सभी धर्मों और समुदायों के लोगों लिए एक ही कानून लागू होगा. इसमें संपत्ति के अधिग्रहण और संचालन, विवाह, तलाक और गोद लेना आदि को लेकर सभी के लिए एकसमान कानून बनाया जाना है.
अभी भारत में हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है. हिंदुओं के लिए अपना अलग कानून है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों से जुड़ी बातें हैं. मुस्लिमों का अलग पर्सनल लॉ है और ईसाइयों का अपना पर्सनल लॉ है.