
नई दिल्ली: भारत सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र की तारीखों का ऐलान कर दिया है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी है कि संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू होकर 12 अगस्त 2025 तक चलेगा. इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.
क्या है मॉनसून सत्र?
संसद के तीन मुख्य सत्र होते हैं – बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र. मॉनसून सत्र हर साल जुलाई-अगस्त में होता है और इसमें सरकार की नीतियों, कानूनों और जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस की जाती है.
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
ऑपरेशन सिंदूर: विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विशेष सत्र की मांग की है, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि इस पर मॉनसून सत्र में ही चर्चा होगी. यह मुद्दा सुरक्षा और आतंकवाद से संबंधित हो सकता है, जिस पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.
वक्फ संशोधन विधेयक: हाल के बजट सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर व्यापक चर्चा हुई थी, और इसे पारित किया गया था. मॉनसून सत्र में इसके कार्यान्वयन, प्रभाव, या संबंधित मुद्दों पर और चर्चा हो सकती है, खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए इसके निहितार्थ को लेकर.
मणिपुर हिंसा: मणिपुर में चल रही हिंसा और अशांति विपक्ष का प्रमुख मुद्दा रही है. बजट सत्र में इस पर चर्चा हुई थी, और विपक्ष इसे मॉनसून सत्र में भी उठा सकता है, खासकर वहां राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद की स्थिति को लेकर.
एक राष्ट्र, एक चुनाव: सरकार ने शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पेश करने की योजना बनाई थी, और मॉनसून सत्र में इस पर आगे की चर्चा या इसकी दिशा में प्रगति हो सकती है. विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, इसका विरोध करती रही है, जिससे इस मुद्दे पर तीखी बहस की संभावना है.
आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे: ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका के साथ व्यापार संबंध, विशेष रूप से उनकी रेसिप्रोकल-टैरिफ नीतियों के प्रभाव, चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं. विपक्ष ने बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाने की बात कही थी, और यह मॉनसून सत्र में भी प्रासंगिक रह सकता है.
समान नागरिक संहिता (UCC): बीजेपी ने पहले संकेत दिया था कि UCC मॉनसून सत्र में चर्चा का विषय हो सकता है. यह मुद्दा सामाजिक और धार्मिक समुदायों के बीच संवेदनशील होने के कारण हंगामे का कारण बन सकता है.
आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा: पहलगाम आतंकी हमलों जैसे हालिया घटनाओं को लेकर विपक्ष ने विशेष सत्र की मांग की थी. मॉनसून सत्र में आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित नीतियों पर चर्चा हो सकती है.