
मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार ने छात्रों और लोगों को एक बड़ी राहत दी है. राज्य सरकार ने किसी भी काम के लिए लगनेवाले एफिडेविट के लिए 500 रूपए का स्टाम्प का शुल्क माफ़ कर दिया है. अभी कुछ दिनों में कॉलेज शुरू होंगे और अभी छात्रों को डॉक्यूमेंट बनवाने पड़ते है, ऐसे में छात्रों और अभिभावकों के लिए ये राहत भरा निर्णय है.अब तक जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, नॉन-क्रीमीलेयर सर्टिफिकेट, राष्ट्रीयता प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज़ों के लिए प्रतिज्ञापत्र देना होता था, जो 500 रुपए के स्टांप पेपर पर बनवाना पड़ता था.
लेकिन अब सरकार ने यह शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिया . अब केवल साधारण कागज़ पर आवेदन करके ये प्रमाणपत्र हासिल किए जा सकेंगे.ये भी पढ़े:Maharashtra Stamp Duty: राजस्व में वृद्धि के लिए महाराष्ट्र सरकार ने स्टाम्प शुल्क दरों में किया संशोधन, 100 रुपये वाला स्टाम्प पेपर बंद, अब 500 में मिलेगा
राज्य विधानसभा में की गई घोषणा
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा में यह निर्णय घोषित किया.उन्होंने कहा कि अब किसी भी प्रतिज्ञापत्र के लिए स्टांप शुल्क नहीं लिया जाएगा और इस फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा.
पहले बढ़ाया गया था शुल्क
सरकार ने हाल ही में प्रतिज्ञापत्र पर स्टांप शुल्क 100 रूपए से बढ़ाकर 500 रूपए कर दिया था, जिसका सबसे ज्यादा असर छात्रों पर पड़ रहा था. इस बढ़े हुए शुल्क के खिलाफ लोगों में असंतोष था. इसलिए अब सरकार ने यह विवादित निर्णय वापस ले लिया है.
विद्यार्थियों और आम नागरिकों को राहत
इस फैसले से सबसे बड़ा फायदा विद्यार्थियों और उनके माता-पिता को होगा. शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले या छात्रवृत्ति के लिए आवश्यक दस्तावेज अब बिना अतिरिक्त आर्थिक बोझ के प्राप्त किए जा सकेंगे. साथ ही, ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिकों को भी राहत मिलेगी.