![Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का बड़ा बयान- 13 जुलाई तक इंतजार करें Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का बड़ा बयान- 13 जुलाई तक इंतजार करें](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2023/06/arjun-380x214.jpg)
नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) इन दिनों में देशभर में चर्चा का विषय है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिताके बारे में बात की. इसके बाद इस मुद्दे पर एक बार फिर राजनीति चल पड़ी है. कांग्रेस का कहना है कि अगर बीजेपी Uniform Civil Code लाना चाहती है तो वह संसद में बिल लेकर आए. इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा अभी 13 जुलाई तक इंतजार करें. UCC Explainer: क्या है कॉमन सिविल कोड, जिसे ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल करना चाहती है BJP, आखिऱ क्यों हो रहा इसका विरोध.
मेघवाल ने कहा कि इस विषय पर सभी को 13 जुलाई तक का इंतजार करने की जरूरत है. दरअसल, अर्जुन राम मेघवाल मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, इसी बीच एक पत्रकार ने उनसे जब यूसीसी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पर सब साफ हो जाएगा, 13 जुलाई तक का इंतजार करें.
13 जुलाई तक करें इंतजार
#WATCH | Union Law Minister Arjun Ram Meghwal speaks on Uniform Civil Code (UCC), he says, "Law Commission of India has put it in the public domain, 13th July is the last date, should wait till then." pic.twitter.com/w400mBnlr3
— ANI (@ANI) June 29, 2023
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यूसीसी के मुद्दे पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इसके लिए एक महीने का समय दिया गया है. लॉ कमीशन ने भी कहा है कि उन्हें प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई विवादित टिप्पणी करने की बजाय लोगों को प्रतीक्षा करनी चाहिए.
बता दें कि समान नागरिक संहिता को लेकर पूरा विपक्ष केंद्र पर हमलावर है. वहीं यूसीसी पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी ने यूसीसी पर समर्थन जताते हुए कहा कि ये तभी संभव है जब सभी हितधारकों के साथ परामर्श के माध्यम से व्यापक सहमति बने.