नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को आईएमपीएस, एनईएफटी और आरटीजीएस पर लगने वाले शुल्क को माफ कर दिया है. इससे पहले, रिजर्व बैंक ने एनईएफटी, आरटीजीएस लेनदेन शुल्क माफ कर दिया था.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने योनो (YONO) के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग आईएनबी और मोबाइल बैंकिंग के जरिए फंड ट्रांसफर करने वाले यूजर्स के लिए बैंक का आईएमपीएस चार्ज जीरो रुपया कर दिया है. भारतीय स्टेट बैंक अब तक एनईएफटी के जरिये पैसे ट्रांसफर करके के लिये ग्राहक से 1.0 रुपये से लेकर 5 रुपये तक का शुल्क लेवसूलती थी. वहीं आरटीजीएस के मामले में यह शुल्क 5 रुपये से 50 रुपये के बीच होता था.
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गौरतलब है कि दो लाख रुपये से अधिक की राशि तत्काल दूसरे के खाते में भेजने के लिये रीयल टाइम ग्रास सेटिलमेंट यानि आरटीजीएस (कंप्यूटर की गमि से सकल निपटान प्रणाली) का उपयोग किया जाता है. 2 लाख रुपये तक की राशि भेजने में के लिए नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) प्रणाली बनी है.
आपको बताना चाहते है कि अभी तक आरबीआई अपने आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) सिस्टम के जरिये किए लाने वाले लेनदेन के लिए बैंकों से न्यूनतम शुल्क वसूलता था. बैंक इस शुल्क का भार अपने ग्राहकों पर डालते थे.
Reuters: State Bank of India waives off IMPS, NEFT and RTGS charges pic.twitter.com/kP3czKbBVX
— ANI (@ANI) July 12, 2019
एनईएफटी (NEFT) एक राष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम है, जिससे हर कोई फंड ट्रांसफर कर सकता है. इस स्कीम के तहत व्यक्ति, फर्म और कॉरपोरेट किसी भी बैंक ब्रांच से किसी दूसरे व्यक्ति, फर्म या कॉरपारेट के बैंक एकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पैसा ट्रांसफर कर सकता है.