Maratha Reservation: महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने आज विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है. इस दौरान मराठा समाज को 10 से 12 फीसदी आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. सरकार ने इसके लिए मसौदा भी तैयार कर लिया है. विशेष सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण से होगी. इसके बाद राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी. इसमें मराठों को पिछड़ा घोषित कर आरक्षण देने की सिफारिश की गई है.
मराठा आरक्षण पर सीएम शिंदे ने सोमवार को कहा था कि मराठा समाज को टिकाऊ और कानून के दायरे में आरक्षण देने के लिए विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया गया है. मराठा समाज का यह आरक्षण ओबीसी या फिर दूसरे किसी समुदाय के आरक्षण को प्रभावित किए बिना ही दिया जाएगा. वहीं, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम ऐसा आरक्षण देंगें जो मनोज जरांगे को स्वीकार हो या न हो लेकिन मराठों को स्वीकार होगा.
यह भी पढ़ें: Maratha Reservation: सीएम शिंदे को मिला मराठा आरक्षण का सर्वे रिपोर्ट, कहा- कैबिनेट बैठक में लेंगे फैसला- VIDEO
इस खबर से संबंधित ट्वीट देखें:
Special session of Maharashtra Assembly to commence today, Maratha quota likely on agenda
Read @ANI Story | https://t.co/wJwxzQ8l6P#MaharashtraPolitics #SpecialSession #Maratha pic.twitter.com/oOMD7Ze3dQ
— ANI Digital (@ani_digital) February 20, 2024
मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने सभी मराठा विधायकों से अपील की है. उन्होंने कहा कि एकमत से आरक्षण का समर्थन करें. आरक्षण को लेकर मराठा समाज के जो विधायक आवाज नहीं उठाएंगे उन्हें मराठा विरोधी समझा जाएगा हैं. आरक्षण में सगे संबंधियों का जिक्र होना चाहिए. मराठा आरक्षण सही से लागू नहीं किए जाने पर 21 फरवरी से फिर आंदोलन शुरू होगा.
मराठा आरक्षण को लेकर बुलाए गए इस विशेष अधिवेशन पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा. यह केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का मामला है. इसमें कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम है. इसके समाधान के बिना मराठा आरक्षण का मामला आगे नहीं बढ़ेगा. यह बात मनोज जरांगे पाटील को भी पता है.