Self Isolation Meaning in Hindi: कोरोना वायरस महामारी बनकर (Coronavirus Pandemic) पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है. ऐसे में दुनिया के कोविड-19 (COVID-19) प्रभावित देशों ने संक्रमण की रोकथाम और इससे बचाव के लिए लॉकडाउन (Lockdown) किया है. भारत में भी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन जारी है. कोरोना संकट के बीच बार-बार सेल्फ आइसोलेशन (Self Isolation) और क्वारेंटाइन (Quarantine) जैसे शब्दों पर जोर दिया जा रहा है. माना जाता है कि 14 दिन तक सेल्फ आइसोलेशन में रहकर इस संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलती है. इस दौरान व्यक्ति खुद को 14 दिन तक के लिए अलग कर लेता है या फिर दूसरों के संपर्क में आने से बचता है. इसे कोरोना वायरस से बचाव का एक कारगर तरीका भी माना जाता है.
कोरोना वायरस संक्रमण के बीच अधिकांश लोगों के मन में सेल्फ आइसोलेशन और क्वारेंटाइन को लेकर दुविधा बनी हुई है. कई लोगों को लगता है कि इन दोनों शब्दों का अर्थ एक ही है, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है. चलिए सबसे पहले जानते हैं सेल्फ आइसोलेशन का मतलब क्या है और इस दौरान व्यक्ति को किन बातों का ख्याल रखना होता है. इसके साथ ही जानते हैं सेल्फ आइसोलेशन, क्वारेंटाइन से कितना अलग है. यह भी पढ़ें: Coronavirus Outbreak: सेल्फ आइसोलेशन और क्वारेंटाइन में क्या है अतंर? हर किसी को होनी चाहिए इससे जुड़ी सही जानकारी
सेल्फ आइसोलेशन का मतलब क्या है?
सेल्फ आइसोलेशन का मतलब है स्व अलगाव यानी खुद को दुनिया के अलग कर लेना. सेल्फ आइसोलेशन के दौरान व्यक्ति को घर पर रहना होता है. ऐसे में ऑफिस, स्कूल के साथ तमाम सार्वजनिक जगहों पर जाने की मनाही होती है. इसके साथ की सेल्फ आइसोलेशन के दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट या टैक्सी का इस्तेमाल करने से बचना होता है. सेल्फ आइसोलेशन के दौरान व्यक्ति को हवादार कमरे में रहना चाहिए, लेकिन दूसरों को घर में आने नहीं देना चाहिए और न ही उनके संपर्क में जाना चाहिए.
सेल्फ आइसोलेशन की जरूरत किन लोगों को?
आमतौर पर उन लोगों को सेल्फ आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है जो कोरोना वायरस प्रभावित इलाके से होकर आए हैं या फिर इस संक्रमण से प्रभावित मरीज के संपर्क में आए हों. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को 14 दिनों के लिए सेल्फ आइसोलशन में जाने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि इस बीमारी के लक्षण सामने आने में 6 दिन लगते हैं और अगले 8 दिन तक संक्रमित व्यक्ति इस संक्रमण को फैला सकता है, इसलिए उन्हें 14 दिन खुद को आइसोलेट करने की सलाह दी जाती है. यह भी पढ़ें: COVID Toes: अंगूठों या पैरों में सूजन की समस्या को न करें नजरअंदाज, यह हो सकता है कोरोना वायरस का लक्षण, जानें क्या कहते हैं त्वचा विशेषज्ञ
सेल्फ आइसोलेशन और क्वारेंटाइन में अंतर
सेल्फ आइसोलेशन का अर्थ है खुद को दुनिया से अलग कर लेना, जबकि क्वारेंटाइन उन लोगों पर लगाए गए प्रतिबंध को कहा जाता है, जिनसे किसी संक्रमण के फैसले का खतरा होता है. क्वारेंटाइन का मतलब घर, अस्पताल, फार्म हाउस, होटल जैसी जगहों पर व्यक्ति को आइसोलेट कर देना, जिससे वो शख्स अन्य लोगों के संपर्क में न आ पाए.
सेल्फ क्वारेंटाइन में जहां व्यक्ति खुद को लोगों से अलग कर लेता है तो वहीं संक्रमण फैलने के खतरे को रोकने के लिए किसी व्यक्ति पर एहतियात के तौर पर लगाया गया प्रतिबंध क्वारेंटाइन होता है. कोरोना वायरस 14 दिन में ग्रो कर सकता है, इसलिए 14 दिन तक सेल्फ आइसोलेशन या क्वारेंटाइन में रहने के लिए कहा जाता है. अगर संबंधित व्यक्ति के पास घर में आइसोलेशन के लिए जगह नहीं है तो वो क्वारेंटाइन सेंटर में रह सकता है.