Coronavirus Outbreak: सेल्फ आइसोलेशन और क्वारेंटाइन में क्या है अतंर? हर किसी को होनी चाहिए इससे जुड़ी सही जानकारी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Coronavirus Outbreak: कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus) की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन (China) के वुहान (Wuhan) शहर से हुई थी, जिसने देखते ही देखते दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. कोविड-19 (COVID-19) से बचाव ही इसका सबसे कारगर इलाज है, लिहाजा हर कोई इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing), मास्क (Mask), हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) का इस्तेमाल जैसी जरूरी बातों का पालन कर रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित देशों की यात्रा या फिर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोग ऐहतियात के तौर पर खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रख रहे हैं. अगर आपने भी खुद को सेल्फ आइसोलेशन किया है तो फिर जाहिर सी बात है कि आपने चौदह दिनों के लिए अपने जरूरत की सभी चीजों को घर में इकट्ठा कर लिया होगा और नेटफ्लिक्स या फिर अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपने पसंदीदा वेब सीरीज को देखने की लिस्ट भी तैयार कर ली होगी.

कोरोना वायरस महामारी के बीच आपने सेल्फ क्वारेंटाइन (Self Quarantine) और सेल्फ आइसोलेशन (Self Isolation) जैसे शब्द कई बार सुने होंगे, लेकिन क्या आप सेल्फ आइसोलेशन और क्वारेंटाइन के बीच के अंतर को जानते हैं? कोविड 19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के बीच इन दोनों का अंतर हर किसी को पता होना चाहिए. यह भी पढ़ें: कोरोनावायरस को रख सकते है दूर अगर पीएं ये जूस! क्योंकि ये बढ़ाती है आपकी इम्युनिटी पॉवर

क्या है क्वारेंटाइन?

जो लोग कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आ जाते हैं, उनमें संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में ऐहतियात के तौर पर उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाता है. क्वारेंटाइन की अवधि 14 दिन की होती है, जहां आप अपने परिवार और अपने रूममेट्स के साथ रह सकते हैं. हालांकि इस दौरान व्यक्ति निगरानी में होता है.

हालांकि जब आपको सीडीसी क्वारेंटाइन में रखा जाता है तो ऐसे में मुमकिन है कि आपको एक अलग बिस्तर और इस्तेमाल के लिए एक अलग बाथरूम दिया जाए. इस स्थिति में जब आप अपने परिवार के अन्य लोगों के आसपास हों तो फेस मास्क पहनें और अपने खाने, तौलिए या बिस्तर आदि को उनके साथ शेयर न करें. अपने घर के लोगों से सुरक्षित दूरी बनाकर रखें और अपने हाथों को बार-बार धोएं. जब तक आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है, तब तक आपको घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए.

सेल्फ आइसोलेशन और सेल्फ क्वारेंटाइन में अंतर

क्वारेंटाइन और सेल्फ आइसोलेशन एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है. सेल्फ आइसोलेशन का मतलब है कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए लोगों से संक्रमण के बचाव के लिए खुद को उनसे अलग करना. सोशल डिस्टेंसिंग की रणनीति आपको दूसरों से दूरी बनाने और संक्रमण से बचाव करने में मदद करती है. अगर आप अपने दोस्तों या पड़ोसियों से मिलने के लिए बाहर नहीं जा रहे हैं तो समझ लीजिए कि आप सेल्फ आइसोलेशन में हैं. यह भी पढ़ें: Coronavirus Outbreak: COVID-19 के शुरुआती लक्षणों में खा सकते हैं आई-ब्रूफेन या इससे है खतरा ? जानें यहां

बहरहाल, कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने के रोकने में सेल्फ क्वारेंटाइन और सेल्फ आइसोलेशन दोनों ही मददगार हैं, लेकिन अगर आप कोरोना वायरस संक्रमित हैं और लोगों से मेल-जोल जारी है तो मुमकिन है कि आपसे यह संक्रमण अन्य लोगों में फैल जाए. ऐसे में सबसे बेहतर यही तरीका है कि आप खुद को दूसरों से कुछ समय के लिए बिल्कुल अलग-थलग कर लें और उनसे उचित दूरी बनाकर रखें.