Karnataka First Mpox Case 2025: साल का पहला मंकीपॉक्स केस! दुबई से कर्नाटक लौटा व्यक्ति संक्रमित, जानें लक्षण और सावधानी और इलाज
(Photo : AI)

बेंगलुरु: कर्नाटक में इस साल मंकीपॉक्स (Mpox) का पहला मामला सामने आया है. उडुपी जिले के कारकला के 40 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है. यह व्यक्ति पिछले 19 वर्षों से दुबई में काम कर रहा था और 17 जनवरी को मंगलुरु पहुंचा.

लक्षण और जांच प्रक्रिया

इस व्यक्ति को बुखार और रैशेज (चकत्ते) की शिकायत होने पर एक निजी स्वास्थ्य केंद्र में आइसोलेट किया गया. जांच के लिए उसके सैंपल बेंगलुरु के बीएमसी लैब भेजे गए, जिसे बाद में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की.

मरीज की स्थिति स्थिर

कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, हर्ष गुप्ता ने बताया कि मरीज की स्थिति स्थिर है. उन्होंने कहा, "मंकीपॉक्स एक हल्की वायरल बीमारी है. यह खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है. यह बीमारी बहुत करीब और घनिष्ठ संपर्क से फैलती है. इसकी संक्रमण दर कोविड-19 की तुलना में कम है."

संपर्क का पता लगाना और रोकथाम

स्वास्थ्य विभाग ने मरीज के 20 प्राथमिक संपर्कों का पता लगाया, जिनमें उसकी पत्नी भी शामिल हैं, जो मरीज के साथ एयरपोर्ट से अस्पताल तक आई थीं. सभी संपर्कों को एहतियात के तौर पर सेल्फ-आइसोलेशन की सलाह दी गई है.

मंकीपॉक्स: बीमारी और उपचार

डॉ. अंसार अहमद, डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के परियोजना निदेशक, ने बताया कि मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोटिक बीमारी है. यह संक्रमित बंदरों, चूहों, गिलहरियों के काटने या खरोंच से, या संक्रमित मांस को छूने से फैल सकती है. यह संक्रमित पालतू जानवरों के संपर्क में आने से भी हो सकती है.

डॉ. अहमद ने यह भी कहा, "इस बीमारी का उपचार लक्षणों के प्रबंधन पर केंद्रित है. पुष्टि होने पर मरीज को आइसोलेट करना संक्रमण को रोकने में सबसे महत्वपूर्ण है."

मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • थकान
  • ठंड लगना
  • गले में खराश
  • खांसी

जांच और उपचार की प्रक्रिया

डॉ. स्वाति राजगोपाल, एस्ट्रर सीएमआई हॉस्पिटल, बेंगलुरु की इन्फेक्शियस डिजीज विशेषज्ञ, ने कहा, "मंकीपॉक्स का पता लगाने के लिए मरीजों का क्लिनिकल मूल्यांकन और लेसियन सैंपल की पीसीआर जांच जरूरी है. जल्दी पहचान संक्रमण को रोकने और जटिलताओं से बचाने में मदद करती है. अधिकतर मामले सहायक उपचार से ठीक हो जाते हैं."

WHO की सिफारिश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सुझाव दिया है कि जिन लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक है, उन्हें टीकाकरण कराना चाहिए. स्वास्थ्य विशेषज्ञ जोखिम वाले यात्रियों को भी चिकित्सा मूल्यांकन के आधार पर टीका लगवाने की सलाह देते हैं.

मंकीपॉक्स से संबंधित मामले दुर्लभ हैं, लेकिन सतर्कता और सावधानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. लक्षणों के शुरुआती संकेतों पर ध्यान देना और संक्रमित व्यक्ति को अलग रखना संक्रमण को फैलने से रोकने में मददगार हो सकता है.