गुजरात: केवडिया में IAS प्रोबेशनर्स इवेंट में पीएम मोदी ने कहा- हमारी जिम्मेदारी बनती है, हम देशवासियों की ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाएं
पीएम मोदी (Photo Credits: ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को गुजरात (Gujarat) के केवडिया (Kevadiya) में आईएस प्रोबेशनर्स इवेंट (IAS Probationers Event) को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल (Sardar Patel) साहब ने ही याद दिलाया था कि ये ब्यूरोक्रेसी ही है जिसके भरोसे हमें आगे बढ़ना है, जिसने रियासतों के विलय में अहम योगदान दिया था. सरदार पटेल ने दिखाया है कि सामान्य जन के जीवन में सार्थक बदलाव के लिए हमेशा एक बुलंद इच्छाशक्ति को होना जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि अपने सभी निर्णयों को आप ब्यूरोक्रेट्स ने दो कसौटियों पर जरूर कसना चाहिए. एक, जो महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने रास्ता दिखाया था कि आपका फैसला समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति की आशा, आकांक्षाओं को पूरा करता है या नहीं. दूसरा, आपका फैसला इस कसौटी पर कसना चाहिए कि उससे देश की एकता, अखंडता को बढ़ावा मिले.

पीएम मोदी ने कहा कि आपको समाज की एक बड़ी समस्या को उठाना चाहिए और एक समय में इसे ही हल करने का प्रयास करना चाहिए. 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉब्ल्म एंड टोटल सॉल्युशन' आपकी विचारधारा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी और सिस्टम आज दो ऐसे शब्द बन गए हैं जो अपने आप में नेगेटिव परसेप्शन बन गया है. आखिर ये हुआ क्यों? जबकि अधिकतर अफसर मेहनती भी हैं. उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं को लेकर अफसरशाही की, रौब की एक छवि रही है. इस छवि को छोड़ने में कुछ लोग पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं. इस छवि को छोड़ने का पूरा प्रयत्न होना चाहिए. यह भी पढ़ें- गुजरात: PM Modi ने लौहपुरुष सरदार पटेल को दी 144वीं जयंती पर श्रद्धांजलि, देशवासियों को दिलाई राष्ट्रीय एकता की शपथ.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे फैसलों और नीतियों को लेकर जो फीडबैक आता है उसका ईमानदार आंकलन जरूरी है. ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो हमारी आंखों और कानों अच्छा लगे, वही देखना और सुनना है. हमें फीडबैक प्राप्त करने के दायरे का विस्तार करने के साथ ही विरोधियों की बातों को भी सुनना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम किसी भी सर्विस में हों, हमें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर लोगों से जुड़ना बहुत आवश्यक है. इससे हमें सही नीतियों से संबंधित निर्णय लेने में बहुत मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरे भारत में हम देख रहे हैं कि नागरिक पहले से ज्यादा जागरूक हैं, संवेदनशील हैं. सरकार कोई भी मदद मांगे, एक आवाज लगाए या किसी मुहीम में शामिल होने को कहे तो लोग खुशी-खुशी उसमें शामिल हो जाते हैं. इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है हम देशवासियों की ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि हमें इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि सामान्य नागरिक को रोजमर्रा की चीजों से जूझना न पड़े. हमें ये ध्यान रखना होगा कि सामान्य मानवी की जिंदगी सरकार के प्रभाव में दब न जाए और गरीब की जिंदगी सरकार के अभाव में दम न तोड़ दे.