Sardar Patel Jayanti 2019: देशभर में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की 144वीं जयंती के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. वहीं पीएम मोदी ने खुद गुजरात (Gujarat) के केवडीया (Kevadia) में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) पर लौह पुरुष को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री जब पटेल को पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे तभी भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से भी दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा पर फूल बरसाए गए. सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दौरान पीएम मोदी ने मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर देशवासियों को आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने की शपथ दिलाई.
केवडिया में राष्ट्रीय एकता दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गुजरात पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवानों ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड किया. 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हर वर्ग के लोग रन फॉर यूनिटी में भाग लेते हैं. इससे पहले पीएम मोदी अपने गांधीनगर स्थित घर गए थे जहां पर अपनी मां हीराबेन का आशीर्वाद लिया.
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल (Vallabhbhai Patel) की 144वीं जयंती के मौके पर उन्हें राष्ट्र की तरफ से श्रद्धांजलि देते हुए यहां मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई. राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर पांच बार की विश्व मुक्केबाजी चैम्पियन एम.सी. मैरीकॉम ने शाह को झंडा दिया, जिसके बाद शाह ने हरी झंडी दिखाई.
Gujarat: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to #SardarVallabhbhaiPatel at Statue of Unity in Kevadia. #RashtriyaEktaDivas pic.twitter.com/nMkJdrUB5c
— ANI (@ANI) October 31, 2019
सरदार पटेल को आधुनिक भारत का शिल्पकार माना जाता है. उन्होंने अपनी राजनैतिक कौशलता से 560 से अधिक रियासतों का भारत में मिलन किया और अखंड भारत बनाया. भारतीय इतिहास में पटेल के अविस्मरणीय योगदान का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का भी दायां व बायां हाथ माना जाता था.
Gujarat: PM Modi administers unity pledge in Kevadia on the 144th birth anniversary of #SardarVallabhbhaiPatel. #RashtriyaEktaDiwas https://t.co/XJDnfVMe6V pic.twitter.com/VMmCReuW42
— ANI (@ANI) October 31, 2019
स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले भारत के सामने सबसे बड़े चुनौती भारत के असल पुनर्निर्माण की थी. एक बार महात्मा गांधी ने साफ-साफ कहा था कि राज्यों और रजवाड़ों की हर समस्या को केवल सरदार पटेल सुलझा सकते है. 15 अगस्त 1947 तक आते-आते 565 रजवाड़ों को भारत में विलय का राष्ट्रवादी औचित्य समझा देना एक भगीरथी प्रयास था. सिर्फ जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद ही इससे छूटे थे. जिसमें से सितंबर 1948 तक जूनागढ़ और हैदराबाद भी भारत का अंग बन गए.