IPU अध्यक्ष दुआरते पशेको का सांसदों को संबोधन, बोले- भारत दोस्त नहीं भाई, सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का करते हैं समर्थन
पीएम मोदी के साथ दुआरते पशेको (Photo Credits: ANI)

अंतर-संसदीय संघ (Inter-Parliamentary Union) के अध्यक्ष दुआरते पशेको (Duarte Pacheco) ने मंगलवार को संसद भवन (Parliament) के केंद्रीय कक्ष में सांसदो को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत (India) दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र (Democracy) है और वह प्रत्येक व्यक्ति की राजनीतिक और धार्मिक (Political and Religious) आस्था का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आपके नेतृत्व में पिछले वर्षों में भारत में काफी आर्थिक और सामाजिक प्रगति हुई है. पशेको ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर-संसदीय संघ संसदीय कूटनीति की सबसे पुरानी संस्था है, अंतर-संसदीय संघ 130 साल पुरानी संस्था है. आईपीयू ने अपने कामों की वजह से दो नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) जीते. आईपीयू सबके लिए लोकतंत्र की रक्षा करता है.

दुआरते पशेको ने कहा कि हम दो देशों के बीच विशेष संबंध हैं. पुर्तगाल और भारत के बीच 500 साल पुराने संबंध हैं. इसलिए हम एक-दूसरे को इतना बेहतर जानते हैं कि मैं कह सकता हूं कि हम सिर्फ दोस्त नहीं हैं, हम भाई हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया. यह भी पढ़ें- Boris Johnson India Visit : अप्रैल में भारत आएंगे ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, चीन को घेरने की है तैयारी!

ANI का ट्वीट-

 

दुआरते पशेको ने कहा कि पुर्तगाल सुधार प्रक्रिया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है. इससे पहले लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने आईपीयू के अध्यक्ष दुआरते पशेको का संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में स्वागत किया. वे यहां पीएम मोदी के साथ भी नजर आए.

पीएम मोदी के साथ दुआरते पशेको-

गौरतलब है कि दुआरते पशेको सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही देखने पहुंचे थे. इस दौरान राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में उनका स्वागत किया था. इस दौरान नायडू ने कहा था कि वह विशिष्ट अतिथि के, हमारे देश में सुखद और उपयोगी प्रवास की कामना करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अपने प्रवास के दौरान, वह हमारी संसदीय प्रणाली को समझेंगे एवं हमारे देश और हमारे लोगों के बारे में अधिक जानकारी मिलने से खुश होंगे.