रायपुर: केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर अमल करते हुए रमन सरकार ने छत्तीसगढ़ में दलित शब्द के प्रयोग करने पर रोक लगा दी है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो राज्य सरकार ने इसके लिए बाकायदा सर्कुलर भी जारी कर दिया है. आदेश के मुताबिक सभी सरकारी दस्तावेजों में दलित शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
आदेश के मुताबिक, छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी सरकारी विभागों को निर्देशित करते हुए कहा है कि यह शब्द संविधान में नहीं है. इसलिए इसका प्रयोग ना हो. सत्ता में काबिज बीजेपी ने इसे केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद लिया फैसला बताया है. वहीं कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जारी हुए इस आदेश को मुख्यमंत्री रमन सिंह का नया चुनावी दांव बताया है.
वर्ष 2011 के जनगणना के मुताबिक छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी लगभग12 फीसदी थी. राज्य में अनुसूचित जाति के लिए कुल 90 में से 10 सीटें रिज़र्व रखी गई हैं. इसमें से 9 सीटों पर बीजेपी काबिज है. जबकि एक सीट कांग्रेस ने जीती है.
हालांकि इससे पहले 1990 में केंद्र सरकार ने इसी तरह का आदेश जारी हुआ था, जिसमें सरकारी दस्तावेजों में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सिर्फ उनकी जाति लिखने के निर्देश दिए गए थे. 10 फरवरी 1982 में नोटिफिकेशन जारी कर हरिजन शब्द पर भी रोक लगाई गई थी. हरिजन बोलने पर कड़ी सजा का प्रावधान है.