ISRO Day 2024: देशभर में आज 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' मनाया जा रहा है, जो चंद्रयान-3 की लैंडिंग की सालगिरह भी है. इस बीच इसरो ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई तस्वीरों का एक नया सेट जारी किया है. इनमें चंद्रमा पर प्रज्ञान के उतरने का क्षण और मिशन से जुड़ी कुछ ऐतिहासिक तस्वीरों की झलक भी है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट देने वाले ऑफिशियल 'एक्स' हैंडल इसरो स्पेसफ़्लाइट ने बताया कि इसरो चंद्रयान 3 की लैंडिंग की सालगिरह यानी बीते दिन विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई हजारों तस्वीरों को सार्वजनिक करने जा रहा है.
यहां कुछ तस्वीरों की एक झलक दी गई है. इनमें प्रज्ञान पर लगा नेवकैम एक ब्लैक एंड व्हाइट कैमरा है, जबकि विक्रम पर लगे कैमरे रंगीन कैमरे हैं. पहली 3 तस्वीरें LI से हैं और आखिरी तस्वीर RI से है.
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इसरो ने शेयर की प्रज्ञान रोवर और चंद्रयान-3 की नई तस्वीरें
[3/3] This image captured by the RI cam provides perhaps the best visual of Pragyan's attempts to imprint India's national emblem on the Lunar regolith.
As we know, this wasn't very successful as the texture of Lunar soil near South Pole was found to be different than expected. pic.twitter.com/hBZhR6G8y7
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) August 22, 2024
इसरो स्पेसफ्लाइट ने कहा, "जैसा कि हम जानते हैं, यह बहुत सफल नहीं था, क्योंकि दक्षिणी ध्रुव (जहां लैंडिंग सफल रही) के पास चंद्र मिट्टी की संरचना अपेक्षा से भिन्न पाई गई थी. यह तब हुआ जब चंद्रयान-3 मिशन के डेटा से पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के बारे में नई जानकारी सामने आई. इसके आधार पर, नेचर जर्नल में प्रकाशित एक विश्लेषण इस सिद्धांत का समर्थन करता है कि चंद्रमा कभी मैग्मा के महासागर या 'मैग्मा महासागर' से ढका था. यह विश्लेषण चंद्र मिट्टी के माप से संबंधित था, जिसे प्रज्ञान रोवर ने रिकॉर्ड किया और सतह पर 100 मीटर के ट्रैक पर कई बिंदुओं पर लिया. रोवर को विक्रम लैंडर द्वारा तैनात किया गया था, जिसने चंद्रयान-3 मिशन के हिस्से के रूप में 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग की थी.''