नई दिल्ली: भारत ने कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्वरूप सार्स सीईओवी-2 को कल्चर और आईसोलेट करने में सफलता हासिल की है. जिसके बाद भारत कोरोना के नए वेरिएंट को कल्चर और आईसोलेट करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के इस प्रकार से 29 लोग संक्रमित पाए गए हैं. कोरोना के इस स्ट्रेन को मौजूदा वायरस से अधिक खतरनाक माना जा रहा है.
कई देशों के वैज्ञानिक ब्रिटेन में मिले कोविड-19 के नए स्ट्रेन का अध्ययन कर रहे है. जबकि भारत सरकार ने ब्रिटेन में कोविड-19 विषाणु की नई प्रजाति सार्स कोविड-2 के पाए जाने की खबरों का संज्ञान लेते हुए इसके जीनोमअनुक्रमण का पता लगाने और तथा इसके नियंत्रण और बचाव के लिए समय से पहले ही एक सक्रिय रणनीति तैयार कर ली.
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— ICMR (@ICMRDELHI) January 2, 2021
भारत में नए कोरोना वायरस से संक्रमित सभी व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की गई व्यवस्थाओं के अनुरुप स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में अलग अलग कमरों में रखा गया है. इन लोगों के साथ निकट संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन कर दिया गया है. इनके परिवार वालों, इनके साथ विमान में आए अन्य यात्रियों और दूसरे लोगों का भी पता लगाने के लिए सघन अभियान चलाया गया है. अन्य नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने का काम भी चल रहा है.
स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है और साथ ही नियमित रूप से राज्यों को इस बात की सलाह दी जा रही है कि वह निगरानी और नियंत्रण की अपनी व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखें और नमूनों की जांच कराने के लिए इन्हें चिन्हित प्रयोगशालाओं में भेजें. अभी तक ब्रिटेन में कोविड का नया म्यूटेंट रुप सार्स कोविड-2 चीन, डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर समेत कई देशों में पाया गया है.