कोलकाता: देश के कई हिस्से प्रचंड गर्मी से जूझ रहे हैं. अधिकांश जगहों पर पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, भारत में हीट स्ट्रोक के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. हीट स्ट्रोक एक गंभीर चिंता का विषय है. आम तौर पर हीट स्ट्रोक धूप में बाहर रहने वाले लोगों को होता है लेकिन कोलकाता में एक शख्स घर के अंदर ही हीट स्ट्रोक की चपेट में आ गया. मंगलवार को कोलकाता के साल्ट लेक का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस था और भीषण गर्मी की स्थिति थी, तब 52 वर्षीय एक निवासी घर पर बेहोश हो गया. Heatwave Warning: बंगाल से बिहार तक लू का टॉर्चर, इन राज्यों में झुलसाने वाली गर्मी, IMD ने जारी किया अलर्ट.
इसके बाद शख्स को पास के एक अस्पताल में ले जाया गया, डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और कहा कि उसे हीटस्ट्रोक हुआ है. मरीज अब मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन से जूझ रहा है. यह मरीज घर पर था जब उसे अचानक तापमान में वृद्धि महसूस हुई, सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई. जिसके बाद उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया.
साल्ट लेक अस्पताल के ICU इन चार्ज शुभंकर चटर्जी ने कहा, 'हमने पाया कि उनके शरीर का तापमान 107°F तक पहुंच गया था, उनका बीपी खतरनाक रूप से कम था और गंभीर सोडियम पोटेशियम असंतुलन था और उनका लीवर और किडनी भी पहले से ही प्रभावित थे. ये सभी हीटस्ट्रोक के लक्षण हैं."
घर के अंदर भी हीटस्ट्रोक का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अधिकांश इलाके या देश के अन्य हिस्से जहां भीषण गर्मी पड़ रही है, उससे घर के अंदर भी लू लग सकती है. इसे गैर-श्रमिक हीटस्ट्रोक (Non-Exertional Heatstroke) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. चिंता की बात यही है कि यह भी उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना कि बाहर होने वाला हीटस्ट्रोक. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि घर के अंदर होने वाले हीटस्ट्रोक से भी जान जा सकती है.