मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. इस गठबंधन में बीजेपी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी इस सीट बंटवारे में सबसे बड़े हिस्सेदार के रूप में उभर सकती है. बीजेपी को 140-150 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है. इसके बाद शिंदे की शिवसेना को लगभग 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है, जो गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदार हो सकती है. वहीं, अजित पवार की एनसीपी को 55 सीटें मिल सकती हैं. इसके अलावा, तीन सीटें छोटे सहयोगियों के लिए भी आरक्षित रखी गई हैं.
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अजित पवार ने की CM पद की मांग?
इस बीच, अजित पवार ने उन रिपोर्टों को खारिज किया है जिनमें दावा किया गया था कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री पद की मांग की थी. पवार ने कहा कि अमित शाह केवल गणपति दर्शन के लिए मुंबई आए थे और उनके साथ हुई बैठक में प्याज निर्यात, भारी बारिश से किसानों को हुए नुकसान, और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि वह गठबंधन के साथियों, बीजेपी और शिंदे सेना, के साथ मित्रतापूर्ण लड़ाई के पक्ष में नहीं हैं. वहीं, अमित शाह ने मुख्यमंत्री शिंदे और अजित पवार को आश्वासन दिया है कि महायुति गठबंधन के सभी दलों के बीच सीटों का बंटवारा सम्मानपूर्वक किया जाएगा.
महायुति पर जयंत पाटिल का बयान
एनसीपी (SCP) के प्रमुख जयंत पाटिल ने महायुति गठबंधन पर एक बड़ा दावा किया है. पाटिल ने कहा कि उन्हें शक है कि बीजेपी और शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी को गठबंधन से बाहर कर सकते हैं ताकि वे अपनी घटती लोकप्रियता का सामना कर सकें. पाटिल ने दावा किया कि एनसीपी को चुनाव अलग से लड़ने के लिए कहा जा सकता है, और विधानसभा चुनावों के बाद वे फिर से गठबंधन में शामिल हो सकते हैं.
इसके अलावा, पाटिल ने आरोप लगाया कि महायुति सरकार विधानसभा चुनावों को टालने की योजना बना रही है ताकि वे "लाडकी बहन योजना" से राजनीतिक लाभ उठा सकें, जिसके तहत राज्य की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,500 देने का वादा किया गया है.