मध्य प्रदेश (MadhyaPradesh) में 'वंदे मातरम' (Vande Mataram) पर सियासत गरमाने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने अब यू-टर्न ले लिया है. बीजेपी (BJP) के भारी विरोध के बाद कमलनाथ सरकार ने वंदे मातरम का गायन और आकर्षक बनाने का फैसला किया है. अब पुलिस बैंड (Police Band) के साथ वंदे मातरम का गायन होगा. कमलनाथ ने कहा कि हर महीने के पहले कार्यदिवस पर सुबह 10:45 बजे पुलिस बैंड राष्ट्र भावना जागृत करने वाले धुन बजाते हुए भोपाल (Bhopal) में शौर्य स्मारक (Shaurya Smarak) से वल्लभ भवन (Vallabh Bhawan) तक मार्च करेंगे. इसमें आम जनता भी शामिल होगी. दरअसल, कमलनाथ सरकार ने वंदे मातरम की अनिवार्यता पर अस्थायी रूप से रोक लगाई थी.
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath: At 10:45 am on first working day of every month,police band will play the tunes that encourage patriotic feelings during their march from Shaurya Samarak to Vallabh Bhawan in Bhopal.On arrival at the Bhawan, National Anthem&Vande Mataram will be sung pic.twitter.com/B516wGW3l1
— ANI (@ANI) January 3, 2019
कमलनाथ ने मंगलवार देर रात एक बयान जारी कर कहा था कि हर माह की एक तारीख को मंत्रालय में वंदे मातरम गायन की अनिवार्यता को फिलहाल अभी रोक रहेगी. उन्होंने कहा था कि यह निर्णय न किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और न ही हमारा वंदे मातरम गायन को लेकर कोई विरोध है. वंदे मातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है. हम भी समय-समय पर इसे गाते हैं. वहीं, सामूहिक वंदे मातरम पर लगाई गई अघोषित रोक से बीजेपी हमलावर हो गई थी. बीजेपी ने सवाल किया था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ बताएं कि क्या प्रदेश में अब भारत माता की जय बोलने पर रोक होगी?
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने सामूहिक वंदे मातरम गायन पर रोक लगाकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सरकार प्रदेश के राष्ट्रभक्त नागरिकों को भारत माता की जय बोलने की इजाजत भी देगी या नहीं. यह भी पढ़ें- VIDEO: कमलनाथ सरकार में मंत्री के विवादित बोल, कहा- जो अफसर काम नहीं करेगा, उसे लात मारकर बाहर करेंगे
वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम मैं गाऊंगा."
बता दें कि बीजेपी सरकार ने वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के कार्यकाल में हर महीने की पहली तारीख को सामूहिक वंदे मातरम गायन की शुरुआत की थी. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालने के बाद एक जनवरी को मंत्रालय के सामने सामूहिक वंदे मातरम गायन नहीं हुआ था.