
भोपाल, 7 जून : सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार 10 जून को भोपाल में 'सूर्यमित्र कृषि फीडर योजना शिखर सम्मेलन' आयोजित करेगी. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. 'वोकल फॉर लोकल' विजन के आधार पर, शिखर सम्मेलन कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य डेवलपर्स और हितधारकों को बोली प्रक्रिया, वित्तीय संरचना और तकनीकी विशिष्टताओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना है.
अधिकारी ने कहा, "राज्य लगातार एक के बाद एक प्लांट चालू करके सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है, जिससे इसकी बिजली उत्पादन क्षमता में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. यह शिखर सम्मेलन मध्य प्रदेश के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता, किसान सशक्तीकरण और स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व की दिशा में एक कदम है." उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट सौर क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है और किसानों सहित विभिन्न हितधारकों को शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. यह भी पढ़ें : Odisha COVID-19 Case: कोविड-19 की नई लहर के खिलाफ सतर्कता, सरकार ने तेज किए निगरानी और रोकथाम उपाय
अधिकारी ने कहा, "कृषि को लाभदायक बनाने और सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही करीब 8,000 समर्पित कृषि फीडर स्थापित किए हैं." इस योजना के तहत सबस्टेशन लोड की सौ प्रतिशत क्षमता पर सौर परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं. मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम ने इन परियोजनाओं के लिए डेवलपर्स के चयन के लिए पहले ही निविदाएं जारी कर दी हैं.
इन परियोजनाओं का संचालन सरकार के साथ 25 वर्षीय बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) के तहत किया जाएगा. उन्होंने कहा, "सौर ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण पहलू खपत के बिंदु पर इसका उत्पादन और उपयोग करना है." उन्होंने बताया कि किसानों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए, खासकर सिंचाई के लिए उनके खेतों के पास सौर ऊर्जा पैदा करके और आय के अवसर पैदा करके, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय पीएम-कुसुम योजना को लागू कर रहा है.