पटना: बिहार में BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) की परीक्षाओं को लेकर छात्रों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. इसका कारण है परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रणाली का लागू किया जाना. हजारों छात्र इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, और उनका साथ देने के लिए पटना के मशहूर शिक्षक और यूट्यूबर खान सर भी खुलकर सामने आए हैं. प्रदर्शन के दौरान खान सर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हालांकि, एक घंटे बाद उन्हें अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ रिहा कर दिया गया.
नॉर्मलाइजेशन को रद्द कराएंगे और तभी लौटेंगे: खान सर
प्रोटेस्ट में शामिल होते हुए खान सर ने कहा, "यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि चाणक्य की धरती पर, परीक्षा से सिर्फ एक हफ्ते पहले हमें अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. हमारी सिर्फ एक मांग है कि परीक्षा एक शिफ्ट में और एक ही पेपर के साथ आयोजित हो. हम तब तक यहां से नहीं हटेंगे, जब तक नॉर्मलाइजेशन को हटाने का आश्वासन नहीं मिलता."
नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ छात्रों के साथ उतरे खान सर
#WATCH | Bihar | Educator and YouTuber, Khan Sir joined the protest of BPSC aspirants, at Patna's Gardanibagh protesting against the Commission regarding exam patterns. Students are demanding exams to be held in One Shift and One paper to be given to avoid the Normalisation… pic.twitter.com/jtMonXjnTQ
— ANI (@ANI) December 6, 2024
क्या है पूरा मामला?
BPSC ने परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाने की घोषणा की है. यह प्रणाली तब लागू होती है जब परीक्षा कई पालियों (शिफ्ट) में आयोजित की जाती है.
क्या है नॉर्मलाइजेशन?
आसान शब्दों में कहा जाए तो नॉर्मलाइजेशन में जब परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक है तो ऐसे में दो या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है. ऐसे में जब एक शिफ्ट में कुछ अभ्यर्थियों के कम नंबर आए हैं या सवाल में उनका अटेम्प भी कम रहेगा तो उस शिफ्ट को आयोग द्वारा कठिन माना जाएगा. वहीं दूसरी शिफ्ट में अगर ज्यादा नंबर आता है और अटेम्ट भी ज्यादा होते हैं तो इस शिफ्ट को आसान माना जाएगा. अब नॉर्मलाइजेशन लागू होने के बाद आसान शिफ्ट वाले के नंबर के हिसाब से मुश्किल शिफ्ट वालों के नंबर को बढ़ोतरी की जाएगी.
पूरा बवाल इसी बात को लेकर इतना बवाल हो रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन सही नहीं है, सामान्य ज्ञान तो जिसको जितना पता है, उतना ही जवाब देगा. छात्रों का कहना है कि यह प्रणाली अनुचित है क्योंकि सभी उम्मीदवारों के लिए समानता होनी चाहिए.
छात्रों की मांगें
छात्रों की मांग है कि नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त किया जाए. छात्रों का मानना है कि नॉर्मलाइजेशन उनके मेहनत के साथ अन्याय करता है. परीक्षा एक शिफ्ट में हो और सभी छात्रों को समान पेपर दिया जाए.
वहीं BPSC का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन से सभी उम्मीदवारों के बीच समानता बनी रहती है. आयोग ने इसे अन्य राज्यों की परीक्षाओं में सफलतापूर्वक लागू होते देखा है.