Karnataka: आरक्षण को लेकर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई के सामने बड़ी चुनौती
बसवराज बोम्मई ने ली सीएम पद की शपथ (Photo: ANI)

बेंगलुरू: कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) कोविड-19 (COVID-19) प्रबंधन के साथ-साथ कैबिनेट गठन के बाद विद्रोह से निपटने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे समय में उनके सामने एक और चुनौती आ गई है. पंचमसाली के बसव जया मृत्युंजय स्वामीजी (Basava Jaya Mrityunjay Swamiji) ने राज्य सरकार के लिए समुदाय को ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) प्रदान करने की समय सीमा निर्धारित करने की चेतावनी दी है. जया मृत्युंजय स्वामीजी ने गुरुवार को चेतावनी दी कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो वह 1 अक्टूबर से बेंगलुरु (Bengaluru) के फ्रीडम पार्क (Freedom Park) में विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे. इस मुद्दे पर सरकार को समझाने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी मंत्री सीसी पाटिल (CC Patil) को दी गई है. Karnataka Cabinet Expansion: कर्नाटक में इस बार नहीं होगा कोई डिप्टी सीएम, 29 नामों पर लगी मुहर, जानें कैसे होगी मुख्यमंत्री बोम्मई की नई टीम

स्वामीजी ने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा सत्र में आश्वासन दिया था कि मांग पर 6 महीने में विचार किया जाएगा. जैसा कि वादा किया गया था कि सरकार को 15 सितंबर तक कार्रवाई करनी होगी. बोम्मई, जो उस समय गृह मंत्रालय के प्रभारी थे, उन्होंने पूरा सहयोग दिया था. अब वह मुख्यमंत्री हैं और उन्हें समुदाय को यह सुविधा देनी चाहिए."

राज्य भर में आरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए पंचमसाली प्रतिज्ञा पंचायत कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. स्वामीजी ने कहा कि अभियान 26 अगस्त को एमएम हिल्स से शुरू होगा और यहां से बेंगलुरू तक एक रैली निकाली जाएगी.

स्वामीजी 2 ए श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं, जो लिंगायत समुदाय के पंचमसाली उप संप्रदाय के लिए अन्य पिछड़ा समुदायों (ओबीसी) के लिए आरक्षण प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा ओबीसी की अपनी सूची बनाने के लिए राज्यों की शक्ति बहाल करने के साथ, राज्य को कार्रवाई और मांग को पूरी करनी चाहिए.

जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे, फरवरी में पंचमसाली उपजात के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कुडलसंगम से बेंगलुरु तक 446 किलोमीटर की एक विशाल विरोध रैली निकाली गई थी. रैली का इस्तेमाल येदियुरप्पा के विरोधियों ने यह दिखाने के लिए भी किया कि लिंगायत समुदाय का सबसे बड़ा उप संप्रदाय उनके साथ आमने-सामने है.