नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से जारी संघर्ष के बीच मोदी सरकार के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 11.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. कोविड-19 के बीच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत एकमात्र देश है जिसकी आर्थिक वृद्धि दर इस साल दहाई अंक में होगी. भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आईएमएफ के इस प्रोजेक्शन से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) भी बेहद खुश है. संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था में इस साल 7.3 प्रतिशत वृद्धि का जताया भरोसा
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में भारत एक ब्राइट स्टार की तरह है. उन्होंने कहा “पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी ग्रोथ स्टोरी को तीव्र गति से जारी रख रहा है.” आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में वृद्धि का अनुमान जताया है. यह अर्थव्यवस्था में तेजी से पुनरूद्धार को बताता है. वर्ष 2020 में महामारी के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि में 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है.
Bright Star in Global Economy: India to continue its growth story at rapid pace under PM @NarendraModi ji, with @IMFNews projecting an impressive 11.5% growth rate for 🇮🇳 in 2021.
It makes 🇮🇳 only major economy to register double-digit growth in 2021.
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— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 27, 2021
मुद्राकोष ने अपडेटेड रिपोर्ट में 2021 में 11.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया गया है. इस लिहाज से अगले साल भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एकमात्र देश होगा जिसकी वृद्धि दर दहाई अंक में होगी. वृद्धि के लिहाज से चीन 2021 में 8.1 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर होगा. उसके बाद क्रमश: स्पेन (5.9 प्रतिशत) और फ्रांस (5.5) का स्थान रहने का अनुमान है.
आईएमएफ ने आंकड़ों को संशोधित करते हुए कहा कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है. चीन एकमात्र बड़ा देश है जिसकी वृद्धि दर 2020 में सकारात्मक 2.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. मुद्राकोष के अनुसार 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत और चीन की 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
इस ताजा अनुमान के साथ भारत दुनिया की तीव्र आर्थिक वृद्धि वाला विकासशील देश का दर्जा फिर से हासिल कर लिया है. इस महीने की शुरूआत में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीन जार्जीएवा ने कहा था कि भारत ने वास्तव में महामारी और उसके आर्थिक प्रभाव से निपटने के मामले में निर्णायक कदम उठाया है.