Repo Rate Unchanged: RBI का बड़ा फैसला, आपकी EMI पर कोई असर नहीं, रेपो रेट 5.5% पर बरकरार

नई दिल्ली: आज सुबह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों का एलान किया. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि रेपो रेट को 5.5% पर ही स्थिर रखा गया है. इसका सीधा मतलब है कि आपके होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की EMI फिलहाल न तो घटेगी और न ही बढ़ेगी.

RBI ने क्यों नहीं घटाई ब्याज दरें?

यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है, यानी MPC के सभी सदस्य इस पर सहमत थे. इसके पीछे मुख्य वजह आने वाले समय में महंगाई बढ़ने की आशंका है. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कोर इन्फ्लेशन (जरूरी चीजों की महंगाई) थोड़ी बढ़कर 4.4% पर पहुंच गई है, जिसका एक कारण सोने की कीमतों में आई तेजी है.

RBI ने अपना रुख 'न्यूट्रल' बनाए रखा है. इसका मतलब है कि वो अभी 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपना रहा है और भविष्य में महंगाई और आर्थिक विकास के आंकड़ों के आधार पर ही कोई फैसला लेगा.

मुख्य बातें

  • होम, कार और पर्सनल लोन की EMI में कोई बदलाव नहीं.
  • RBI ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए ब्याज दरें नहीं घटाईं.
  • आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.5% पर स्थिर रखा गया है.

देश की आर्थिक ग्रोथ पर RBI को भरोसा

हालांकि RBI महंगाई को लेकर सतर्क है, लेकिन उसे देश की आर्थिक ग्रोथ पर पूरा भरोसा है.

  • GDP ग्रोथ का अनुमान: वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की वास्तविक GDP वृद्धि का अनुमान 6.5% पर अपरिवर्तित रखा गया है.
  • तिमाही अनुमान:

    • Q1 (अप्रैल-जून): 6.5%
    • Q2 (जुलाई-सितंबर): 6.7%
    • Q3 (अक्टूबर-दिसंबर): 6.6%
    • Q4 (जनवरी-मार्च): 6.3%

अन्य चिंताएं

गवर्नर ने यह भी बताया कि जून तिमाही में व्यापार घाटा (Merchandise Trade Deficit) बढ़ा है, जिसका मतलब है कि देश से होने वाले निर्यात की तुलना में आयात ज्यादा हुआ है. यह भी एक कारण है कि RBI अभी सतर्कता बरत रहा है.

इस साल पहले मिली थी राहत

आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में RBI ने आम आदमी को राहत दी थी. जून की पॉलिसी में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स (0.50%) और अप्रैल में 25 बेसिस पॉइंट्स (0.25%) की कटौती की गई थी. लेकिन अब बढ़ती महंगाई को देखते हुए RBI ने दरों को स्थिर रखने का फैसला किया है.

कुल मिलाकर, आम आदमी के लिए इसका मतलब साफ है – आपकी जेब पर फिलहाल कोई नया बोझ नहीं पड़ेगा, लेकिन सस्ते कर्ज के लिए अभी और इंतजार करना होगा.