पेरिस: भारत के खिलाफ पाकिस्तान (Pakistan) अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. हालांकि उसे हर बार भारत की तरफ से वाजिब जवाब मिल रहा है. ऐसा ही कुछ यूनेस्को (UNESCO) कांफ्रेंस में हुआ. जहां भारत ने अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya Land Dispute) पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के विभाजन को लेकर दुष्प्रचार करने के लिए पाकिस्तान को जमकर खरीखोटी सुनाई.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में 40 वें यूनेस्को आम सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक भारतीय अधिकारी ने देश के अंदरूनी मामलें में पाकिस्तान द्वारा की गई अनुचित टिप्पणियों की निंदा की. पाकिस्तान पर तीखा पलटवार करते हुए भारत ने कहा कि पड़ोसी मुल्क को हमारे अंदरूनी मामलों में टांग अड़ाने की मानसिक बीमारी है. भारत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानून के आधार पर अयोध्या पर फैसला दिया है. लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान की ओर से घृणास्पद बातें फैलाया जा रहा है जो कि निंदनीय है. अयोध्या फैसला: यूपी में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले 99 गिरफ्तार, 13 हजार पोस्ट पर हुई कार्रवाई
वहीं यूनेस्को मुख्यालय में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पूरी दुनिया परेशान है. भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करना भारत का अपना मसला है. लेकिन इसके बाद भी यहां पाकिस्तान की ओर से यहां अवैध तरीके से घुसपैठ कराई जाती है. यह हस्तक्षेप किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है.
भारत की ओर से यह टिप्पणी पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद द्वारा बाबरी मस्जिद पर शीर्ष कोर्ट के फैसले का विरोध करने के बाद की गई. महमूद ने कहा था कि यह यूनेस्को के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्यों के अनुरूप नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस अन्याय पर ध्यान देना चाहिए.
#WATCH Paris: India responds to Pakistan Minister Shafqat Mahmood's propaganda on Kashmir & Ayodhya, at 40th UNESCO General Conference - General Policy Debate. (Source - UNESCO) pic.twitter.com/vv1tCiSw2u
— ANI (@ANI) November 13, 2019
उल्लेखनीय है कि भारत ने शनिवार को अयोध्या मामले पर पाकिस्तान के बयान को 'अनुचित व निराधार' बताकर खारिज किया था और कहा था कि यह एक दीवानी मामला है, जो पूरी तरह से आंतरिक है. पाकिस्तान की निंदा करते हुए इसमें कहा गया कि फैसला कानून के शासन से संबंधित है और सभी धर्मो व अवधारणाओं का समान आदर करता है. बयान में कहा गया, "पाकिस्तान में समझ की कमी आश्चर्य की बात नहीं है. उनकी हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की मजबूरी पूरी तरह से नफरत फैलाने की मंशा से है, जो निंदनीय है."
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शनिवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या भमि विवाद मामले में फैसले पर 'गंभीर चिंता' जाहिर की. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि फैसला 'एक बार फिर न्याय की मांग को कायम रहने में विफल रहा है.'