India China Border Dispute: चीन ने कहा- मामला जटिल, लेकिन भारत से बातचीत को तैयार हैं
India China Border | PTI

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है. हाल ही में चीन ने स्वीकार किया कि भारत के साथ सीमा विवाद एक जटिल मुद्दा है, जिसे सुलझाने में समय लगेगा. लेकिन इसी के साथ चीन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सीमा रेखा तय करने और शांति बनाए रखने के लिए बातचीत को तैयार है. 26 जून को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच जारी तनाव को कम करने और एलएसी (LAC) पर शांति बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 23 दौर की विशेष प्रतिनिधि (SR) स्तर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन मामला इतना जटिल है कि इसमें समय लगना स्वाभाविक है. जब पूछा गया कि क्या विवाद सुलझाने के लिए कोई समयसीमा तय की गई है, तो माओ निंग ने कहा, “हम आशा करते हैं कि भारत भी उसी दिशा में काम करेगा और सीमा क्षेत्रों को शांत और स्थिर बनाए रखने के लिए संवाद जारी रखेगा.”

बातचीत के लिए कई स्तरों पर तैयार हैं

माओ निंग ने आगे कहा, “अच्छी बात यह है कि भारत और चीन ने पहले से ही कई स्तरों पर संवाद के लिए तंत्र स्थापित किए हैं. चीन सीमा विवाद, सीमा प्रबंधन और पारस्परिक सहयोग जैसे मुद्दों पर भारत से सकारात्मक संवाद के लिए तैयार है.”

दिसंबर 2024 में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच 23वें दौर की बातचीत हुई थी. इस बैठक में पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने और गश्त की प्रक्रिया पर सहमति बनी थी.

राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश

राजनाथ सिंह ने क्विंगडाओ में हुई मुलाकात में 2020 की झड़पों के बाद भारत में उत्पन्न अविश्वास की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि दोनों देशों को “पड़ोसी धर्म निभाते हुए जमीनी स्तर पर कार्रवाई करनी चाहिए.” उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी.