Who is Anjali Vishwakarma: न्यूजीलैंड में 48 लाख का पैकेज छोड़कर बनी आईपीएस, जानें कौन हैं BJP MLC ने भिड़ने वाली महिला आईपीएस
IPS Officer Anjali Vishwakarma | X

हाल ही में कानपुर में एक हाई-प्रोफाइल क्रिकेट मैच के दौरान महिला आईपीएस अधिकारी अंजलि विश्वकर्मा और बीजेपी एमएलसी अरुण पाठक के बीच हुई तीखी बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है. इस घटना के बाद लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर ये सख्त मिजाज महिला ऑफिसर कौन हैं? उनकी कहानी सिर्फ एक ऑफिसर की नहीं, बल्कि संघर्ष, त्याग और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल है. अंजलि विश्वकर्मा उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं. 11 जनवरी 1993 को एक साधारण परिवार में जन्मी अंजलि शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहीं. उनके पिता अरुण कुमार ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी.

IIT कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और विदेशी नौकरी

अंजलि ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में B.Tech किया. इसके बाद उन्होंने एक तेल कंपनी में नौकरी की और छह देशों में काम किया. न्यूजीलैंड में रहते हुए उनका सालाना पैकेज करीब 48 लाख रुपये था. लेकिन यह ग्लैमरस जिंदगी भी उन्हें संतुष्टि नहीं दे पाई.

UPSC की राह: नौकरी छोड़ी, देश लौट आईं

विदेश में आरामदायक जीवन के बावजूद अंजलि के दिल में देश सेवा की आग थी. उन्होंने नौकरी छोड़ दी और भारत लौटकर UPSC की तैयारी शुरू की. पहली बार में असफलता मिली, लेकिन हार नहीं मानी. अंततः 2020 में UPSC पास कर 2021 बैच की आईपीएस बनीं.

वायरल हो रहा अंजली विश्वकर्मा का Video

कानपुर में ADCP की जिम्मेदारी

वर्तमान में अंजलि कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट में अपर पुलिस उपायुक्त (ADCP) पद पर तैनात हैं. इससे पहले उन्होंने साइबर क्राइम यूनिट और बाबूपुरवा क्षेत्र में बतौर ACP सेवाएं दी हैं. उन्होंने कई महत्वपूर्ण केस सुलझाए और खासकर महिला अपराधों के खिलाफ अपने अभियान के लिए पहचानी जाती हैं.

30 जून को क्यों आईं चर्चा में?

ग्रीन पार्क स्टेडियम में एक क्रिकेट मैच के दौरान अंजलि और बीजेपी एमएलसी अरुण पाठक के बीच बहस हो गई. पाठक अपने गनर को स्टेडियम में ले जाना चाहते थे, जिसे अंजलि ने सुरक्षा नियमों का हवाला देकर मना कर दिया. इसके बाद वायरल वीडियो में अंजलि को यह कहते हुए सुना गया कि “मैं इन्हें एक कार्यक्रम में डील कर चुकी हूं.” पाठक ने इस पर आपत्ति जताई. हालांकि अंजलि ने बिना बहस में पड़े, पूरी जिम्मेदारी के साथ सुरक्षा का पालन सुनिश्चित किया.