नई दिल्ली: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (Former Election Commissioner) टीएन शेषन (TN Seshan) का निधन हो गया है. जानकारी के मुताबिक, 87 वर्षीय शेषन ने रविवार रात अंतिम सांस ली. टीएन शेषन एक ऐसी शख्सियत थे, जो भारत में चुनाव नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए काफी मशहूर थे. अपने कड़े रुख और सख्त रवैये के लिए मशहूर शेषन पहले ऐसे चुनाव आयुक्त थे, जिन्होंने बिहार में पहली बार 4 चरणों में चुनाव करवाया था. इस दौरान चार बार चुनाव की तारीखें बदली गईं. उनके कार्यकाल में चुनाव आयोग को सबसे ज्यादा शक्तियां मिली और चुनाव प्रणाली में काफी सुधार हुए. उनके कार्यकाल के दौरान ही वोट देने वाले वोटरों के लिए वोटर आईडी अनिवार्य किए गए थे और आचार संहिता का सख्सी से पालन किया जाने लगा, जिससे फर्जी वोटिंग पर रोक लगाने में काफी मदद मिली.
चुनाव नियमों को सख्ती से लागू करवाने वाले शेषन के कारण ही लोकतंत्र की नींव और ज्यादा मजबूत हुई. शेषन ने ही चुनाव में राज्य मशीनरी का दुरुपयोग रोकने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती को मजबूत बनाया गया.
टीएन शेषन का 87 साल की उम्र में निधन
Sad to announce that Shri TN Seshan passed away a short while ago. He was a true legend and a guiding force for all his successors. I pray for peace to his soul.
— Dr. S.Y. Quraishi (@DrSYQuraishi) November 10, 2019
बताया जाता है कि बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यकाल संभालने से पहले तक देश में होने वाले चुनाव में पैसों की तरह पैसे बहाए जाते थे. आलम तो यह था कि राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी होनेवाले खर्चों का हिसाब तक नहीं देते थे. चुनाव के दौरान ऐसी चीजों पर रोक लगाने के लिए उन्होंने आचार संहिता के पालन को इतना सख्त कर दिया था कि कई नेता उनके दुश्मन बन गए. यह भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर फिर फैली पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के निधन की अफवाह
बता दें कि 1955 बैच के आईएएस अधिकारी रहे टीएन शेषन 1990-96 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे. नब्बे के दशक में तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी टीएन शेषन ने अपने कार्यकाल के दौरान चुनावी दिशा ही बदल दी थी. देश का चुनाव आयुक्त रहने के दौरान उन्हें कई सुधारों का श्रेय दिया जाता है. टीएन और शेषन और जयलक्ष्मी की कोई संतान नहीं है. माना जाता है कि इसी के चलते दोनों ने ओल्ड ऐज होम में रहने का फैसला लिया था.