शंभू बॉर्डर पर एक बार फिर किसानों और प्रशासन के बीच टकराव बढ़ गया है. दिल्ली कूच की जिद पर अड़े किसानों के 101 सदस्यीय जत्थे को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. किसान दिल्ली पहुंचने के लिए पैदल मार्च कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे.
इस संघर्ष में कई किसान आंसू गैस से घायल हो गए, जिन्हें साथी किसानों ने स्ट्रेचर पर उठाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. इस घटना ने आंदोलनकारियों का हौसला तोड़ने की बजाय और मजबूत कर दिया है.
इंटरनेट बंद
संभावित हिंसा और अशांति को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं को बंद करने का आदेश जारी किया है. यह निलंबन 14 दिसंबर सुबह 6 बजे से 17 दिसंबर रात 11:59 बजे तक लागू रहेगा.
#WATCH | Police use tear gas and water cannon to disperse protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu Border.
The farmers have announced to march towards the National Capital-Delhi over their various demands. pic.twitter.com/tDMTy8iGXU
— ANI (@ANI) December 14, 2024
आदेश में क्या कहा गया?
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा के अनुसार, यह कदम सार्वजनिक शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अशांति को रोकने के लिए उठाया गया है. प्रभावित गांवों में डंगदेहरी, लेहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, और अन्य शामिल हैं.
बजरंग पूनिया ने किसानों का समर्थन किया
पहलवान बजरंग पूनिया ने भी किसानों का समर्थन करते हुए कहा, "मैं पहले भी किसानों के साथ था और आगे भी खड़ा रहूंगा." उन्होंने "वन नेशन, वन एमएसपी" की मांग करते हुए कहा कि किसान संगठनों को एक मंच पर आना चाहिए.
#WATCH | At the Haryana-Punjab Shambhu Border, Congress leader and wrestler Bajrang Punia says, "On one hand the government is saying that we are not stopping the farmers, but on the other hand they are using tear gas and other things. It is being treated as if it is Pakistan… https://t.co/wP3SWSprox pic.twitter.com/KH8phcEcIO
— ANI (@ANI) December 14, 2024
किसानों की मांग
किसानों की प्रमुख मांग है कि उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप दिया जाए. इसके साथ ही, किसानों ने केंद्र सरकार से तत्काल वार्ता की अपील की है.
आंदोलन तेज होने के आसार
शंभू बॉर्डर पर इस टकराव से संकेत मिलता है कि किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ सकता है. आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच कोई समाधान निकलता है या नहीं.
क्या होगा आगे?
किसानों की मांगों और प्रशासन के सख्त कदमों के बीच यह आंदोलन एक नई दिशा में जा सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार का संघर्ष किस ओर मोड़ लेता है.