Assembly Elections 2022: भाजपा को हराने के लिए, धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने में सक्षम नहीं कांग्रेस : माकपा
भारतीय जनता पार्टी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली, 5 फरवरी : भारतीय मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक प्रस्ताव जारी कर कहा है कि भाजपा को हराने में कांग्रेस पार्टी असमर्थ है. इसलिए माकपा धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का समर्थन करेगी. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस को समान रूप से खतरनाक नहीं माना जा सकता है, लेकिन राजनीतिक गठबंधन नहीं हो सकता.. कांग्रेस हिंदुत्व के खिलाफ एक वैचारिक चुनौती को प्रभावी ढंग से खड़ा करने में असमर्थ है. इसलिए पार्टी अक्सर समझौता करने वाला ²ष्टिकोण अपनाती है. दरअसल इस साल अप्रैल में केरल के कन्नूर में होने वाली 23वीं पार्टी कांग्रेस से पहले जारी किए गए अपने मसौदे में माकपा ने कहा कि एक कमजोर कांग्रेस सभी धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों को एकजुट करने में असमर्थ है.

माकपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के समर्थन घोषणा की है. पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि हम यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी का समर्थन करेंगे. हम यूपी में सिर्फ चार सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. पंजाब में हम उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो भाजपा को हरा सकती है. येचुरी ने कहा कि हमारा मुख्य मकसद विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना है. इसके लिए हमारी पार्टी किसी भी वर्ग और जन संगठन के संयुक्त कार्यों के संयुक्त मंच का भी समर्थन करेगी. पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष ताकतों की व्यापक संभव लामबंदी के लिए चुनावों में काम करेगी. यह भी पढ़ें : Rajasthan: राजस्थान में ठंड से राहत नहीं, चुरू में न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस

मसौदे में माकपा ने 80 पन्नों का प्रस्ताव जारी किया जो पार्टी के हर सदस्य द्वारा भेजे गए संशोधनों के लिए खुला होगा. ये मसौदा कांग्रेस की गहरी आलोचना करता है. इसमें कहा गया है कि कांग्रेस का राजनीतिक प्रभाव और संगठनात्मक ताकत घट रही है और वर्तमान में यह विभिन्न राज्यों में भाजपा में कई नेताओं के दलबदल के साथ संकटों की एक श्रृंखला में डूब गया है. दस्तावेज धर्मनिरपेक्षता के साथ कांग्रेस के संबंधों पर हैदराबाद में आयोजित 22वीं कांग्रेस की 2018 की राजनीतिक लाइन को दोहराता है. यह कहता है कि धर्मनिरपेक्षता की घोषणा करते हुए, कांग्रेस हिंदुत्ववादी ताकतों के लिए एक वैचारिक चुनौती को प्रभावी ढंग से खड़ा करने में असमर्थ है और अक्सर समझौता करने वाला ²ष्टिकोण अपनाती है.

माकपा ने साल 2018 में अपने ²ष्टिकोण की तुलना में भाजपा पर एक तेज रुख अपनाया है. प्रस्ताव में बताया गया है कि यह 2019 के बाद के भारत के राजनीतिक परिवर्तनों को भी दर्शाता है, जिसमें भाजपा की दूसरी बार वापसी हुई है. पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रस्ताव जारी करते हुए शुक्रवार को कहा, "धर्म को राजनीति के साथ या सरकार के साथ मिलाना धर्मनिरपेक्ष विरोधी है और यही हिंदुत्व की विशेषता है." उन्होंने कहा कि माकपा धर्म के अधिकार और पसंद का सम्मान करती है. हम एक व्यक्ति और धर्म की पसंद को सुरक्षा की गारंटी देते हैं. साथ ही, हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी धर्म दूसरे के धर्म में हस्तक्षेप न करे."