Budget 2019: महज कुछ दिनों बाद मोदी सरकार का छठा बजट पेश होनेवाला है. लोकसभा चुनाव के पहले आने वाले इस अंतरिम बजट में केंद्र सरकार मिडल क्लास और किसानों को बड़ी सौगात दें सकती है. हालांकि इस बात की अधिकारिक पुष्टि तो नहीं की गई है लेकिन इसके होने की पूरी संभावना जताई जा रही है. दरअसल आगामी चुनावों में पीएम मोदी के सिर पर दोबारा जीत का सेहरा मिडल क्लास और किसान ही पहना सकते है. क्योकि देश के किसी भी चुनाव में वोट डालने वाली आबादी यही होती है. इसलिए सरकार अपना वोट बैंक और मजबूत करने के लिए कई लुभावने प्रपोजल बजट में रख सकती है.
मीडिया रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों का हवाला देकर बताया गया है कि वित्त मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को दोबारा सत्ता में लाने के लिए पिछली कांग्रेस सरकार के हथकंडे अपनाने जा रही है. इसके तहत वित्त मंत्री अरुण जेटली देश के पूर्व वित्त मंत्रियों प्रणब मुखर्जी और पी चिदंबरम की राह पर चलने की तैयारी में है. जिन्होंने अपने अंतरिम बजट में सीधे टैक्स में तो कोई बदलाव नहीं किया बल्कि इसके बदले राहत पैकेज देकर करदाताओं को खुश करने की कोशिश जरुर की थी. इसलिए अबकी बार खासकर मिडल क्लास के लिए कुछ टैक्स रियायतों का ऐलान हो सकता हैं.
मुखर्जी-चिदंबरम की राह पर चलेगी मोदी सरकार-
बता दें कि 2009-10 में अपना अंतरिम बजट पेश करते हुए मुखर्जी ने सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में 2 प्रतिशत की कटौती की. जिसका तर्क उन्होंने वैश्विक सुस्ती से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देना बताया था. मोदी सरकार के आने से पहले 2014-15 के अंतरिम बजट में चिदंबरम ने सर्विस टैक्स और कस्टम्स ड्यूटी घटा दिया. साथ ही ऑटोमोबाइल सेक्टर को गति देने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कमी की घोषणा की. हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह थी कि दोनों ही बार सीधे टैक्स में दोनों वित्त मंत्रियों ने कोई बदलाव नहीं किया था.
टैक्स रियायत और विशेष कृषि पैकेज का सहारा-
कई चुनावी सर्वे में दावा किया गया है की मोदी सरकार को अबकी बार 2014 लोकसभा चुनावों की तुलना में कम सीटें मिलेंगी. इसकी मुख्य वजह मिडल क्लास और किसान का सरकार के प्रति नाराजगी बताई गई है. ऐसे में अपने अंतिम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली इनकी परेशानी या नाराजगी को घटाने के लिए टैक्स में छूट और विशेष कृषि पैकेज का सहारा लेने वाली है.
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय एक कृषि पैकेज पर काम कर रही है. इसमें इनकम ट्रांसफर, मिनिमम सपोर्ट प्राइस स्कीम को नरम करने और समय पर चुकाए जाने वाले कृषि कर्ज पर ब्याज माफी सहित कई विकल्प मापे जा रहे हैं. एक अन्य सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह चर्चा भी चल रही है कि पैकेज की घोषणा बजट से पहले ही कर दी जाए.
आज हो सकता है फैसला-
वहीं देश के अधिकतर वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए और विपक्षियों का मुंह बंद करने के लिए वित्त मंत्रालय और भी ठोस प्रस्तावों पर विचार कर रही है. जिसके लिए सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने की भी संभावना है. वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने वाले है.