VIDEO: 'ऑपरेशन सिंदूर' सुनते ही पाकिस्तान को याद आएगी शर्मनाक शिकस्त, कटरा में गरजे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर की धरती कटरा से एक साथ दो मोर्चों पर हुंकार भरी. एक तरफ उन्होंने 46,000 करोड़ रुपये की विशाल विकास परियोजनाओं की सौगात देकर जम्मू-कश्मीर के लिए एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की नींव रखी, तो दूसरी तरफ आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को अब तक के सबसे कड़े संदेशों में से एक दिया. उनका यह दौरा केवल कुछ पुलों और ट्रेनों के उद्घाटन तक सीमित नहीं था, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई सुबह और भारत के दुश्मनों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी का ऐलान था.

पाकिस्तान को चेतावनी: "शर्मनाक शिकस्त याद आएगी" 

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. उन्होंने हाल ही में पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ़ मासूमों पर नहीं, बल्कि 'इंसानियत' और 'कश्मीरियत' की आत्मा पर किया गया वार था.

पीएम ने पाकिस्तान की नापाक साजिश का पर्दाफाश करते हुए कहा, "उसका इरादा भारत में दंगे कराने का था, कश्मीर के मेहनतकश लोगों की कमाई रोकने का था." लेकिन इस साजिश का सबसे करारा जवाब खुद जम्मू-कश्मीर की आवाम ने दिया. पीएम मोदी ने गर्व के साथ कहा कि जिस तरह यहां के लोग आतंकवाद के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं, उसने न केवल पाकिस्तान, बल्कि दुनिया भर के आतंकवादियों को एक कड़ा संदेश दिया है.

इसी कड़ी में उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर" का जिक्र करते हुए एक ऐतिहासिक चेतावनी दी. उन्होंने कहा, "अब PAK कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा तो शर्मनाक शिकस्त याद आएगी." यह बयान पाकिस्तान द्वारा भारत में अस्थिरता फैलाने के किसी गुप्त मिशन की विफलता की ओर एक शक्तिशाली इशारा था, जो दिखाता है कि भारत अब ऐसी हरकतों को कुचलने के लिए पहले से कहीं ज़्यादा सक्षम और दृढ़ है.

विकास की गंगा: 46,000 करोड़ की परियोजनाओं से बदलेगी तस्वीर 

पीएम मोदी का यह दौरा जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ. उन्होंने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, वे इस क्षेत्र को सीधे विकास की मुख्यधारा से जोड़ती हैं:

चिनाब ब्रिज - दुनिया पर भारत की छाप: प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, चिनाब ब्रिज, को राष्ट्र को समर्पित किया. यह पुल सिर्फ स्टील और कंक्रीट का ढांचा नहीं, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग और दृढ़ संकल्प का जीता-जागता प्रमाण है. पीएम ने कहा, "यह भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है... आने वाले समय में यह एक बड़ा टूरिस्ट प्वाइंट बनेगा, लोग यहां खड़े होकर सेल्फी लेंगे." यह पुल कश्मीर घाटी को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़े रखने की गारंटी है.

कनेक्टिविटी की नई क्रांति: चिनाब ब्रिज के साथ-साथ अंजी पुल का उद्घाटन और कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाना, इस बात का सबूत है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी को लेकर कितनी गंभीर है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन परियोजना अब हकीकत बन चुकी है, जिससे "कश्मीर से कन्याकुमारी" का सपना साकार हो गया है.

आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय: इन परियोजनाओं का सीधा असर यहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. पीएम मोदी ने विस्तार से बताया कि कैसे अब कश्मीर के सेब, मेवे, पश्मीना शॉल और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद कम लागत और कम समय में देश के बड़े बाजारों तक पहुंचेंगे. इससे किसानों, कारीगरों और व्यापारियों की आय में सीधी वृद्धि होगी. बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन उद्योग को पंख लगेंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

"जम्मू-कश्मीर मां भारती का मुकुट है"

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के साथ अपने दशकों पुराने व्यक्तिगत जुड़ाव को भी साझा किया. उन्होंने कहा, "मैं दशकों से जम्मू और कश्मीर आता-जाता रहा हूँ... मैंने इस सामर्थ्य को लगातार देखा है, महसूस किया है और इसलिए मैं पूरे समर्पण भाव के साथ जम्मू-कश्मीर के विकास में जुटा हूँ."

उन्होंने जम्मू-कश्मीर को "मां भारती का मुकुट" बताते हुए कहा कि यहां की संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना, प्रकृति का सौंदर्य और यहां के युवाओं की प्रतिभा "मुकुट मणि" की तरह चमकती है.

यह दौरा सिर्फ परियोजनाओं का ऐलान नहीं था, बल्कि यह एक विश्वास बहाली का कार्यक्रम था. यह उस जम्मू-कश्मीर के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम था, जिसकी कल्पना हर भारतवासी करता है - एक शांत, समृद्ध और आतंकवाद से मुक्त जम्मू-कश्मीर, जो भारत के मुकुट के रूप में हमेशा चमकता रहे.